सत्य खबर, सोनीपत। उत्तराखंड कोर्ट में चल रहे एक मामले को रफा-दफा करने के चक्कर में संजय नाम के शराब व्यवसायी ने खुद का ही फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना लिया. इसके बाद उसने ये सर्टिफिकेट कोर्ट में भी जमा करा दिया. हालांकि उसका यह शातिराना पैतरा फेल हो गया. सोनीपत पुलिस ने शिकायत के बाद इस मामले में आरोपी संजय और उसकी पत्नी समेत उसके दो रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
क्या है पूरा मामला ऐसे समझिए
मिली जानकारी के अनुसार 2007 में संजय के खिलाफ अवैध शराब की सप्लाई का मामला उत्तराखंड में दर्ज हुआ था. इसके बाद 2009 में उसके भाई नरेंद्र ने सोनीपत सिविल अस्पताल में उसकी मृत्यु की जानकारी दी. सिविल अस्पताल में मिलीभगत कर आरोपी संजय का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया. इसके बाद इस फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र को उत्तराखंड कोर्ट में जमा करवा दिया. ताकि मामले को रफा-दफा करवाया जा सके. फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करवाने के बाद आरोपी संजय को कोर्ट ने मृत मान लिया. उसके ऊपर लगे मामले खत्म भी हो गए. लेकिन अब 12 साल बाद मुख्य आरोपी संजय के पड़ोसी ने इसका खुलासा कर दिया.
सिटी थाना के एसआई ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विकास नगर के रहने वाले आरोपी संजय सिंह के पड़ोसी भंवर सिंह ने इस मामले में शिकायत दी थी. अपनी शिकायत में भंवर सिंह ने सोनीपत के रहने वाले संजय कुमार के खिलाफ आरोप लगाया है कि साल 2007 में संजय के खिलाफ उत्तराखंड में दो अलग-अलग मामले दर्ज हुए थे. दोनों ही मामले अवैध शराब सप्लाई करने के थे. इसके बाद उत्तराखंड में इन मामलों से बचने के लिए उसने एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया है. फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र देने वाला आरोपी संजय गैंगस्टर है और उस पर पहले से भी कई मामले हरियाणा में दर्ज हैं.
नरेंद्र ने सोनीपत सिविल अस्पताल में 20 जुलाई 2009 को सूचना दी थी कि उसके भाई संजय मौत हो गई है. इसके बाद उसने वहां के स्टाफ से मिलीभगत कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उत्तराखंड कोर्ट में जमा करवा दिया ताकि मामले को रफा-दफा करवाया जा सके. पुलिस ने इसकी शिकायत पर आरोपी संजय (जिसे मृत बताया गया) और उसके भाई नरेंद्र, संजय की पत्नी रितु और नरेंद्र की पत्नी माया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच में जुट गई है. हालांकि अभी इस मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
Aluminium scrap community outreach Aluminum salvage and recycling Scrap metal reconstruction