सत्य खबर
पानीपत : उद्यमियों को नई औद्योगिक नीति का इंतजार है। एक नवंबर को नई नीति जारी होनी थी। औद्योगिक नीति बनाई जा चुकी है। बरोदा उपचुनाव की वजह से यह जारी नहीं की गई है। इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए यह नीति बनाई गई है।
औद्योगिक सेक्टरों के बाहर लगे उद्योगों पर टाउन प्लानिंग की तलवार लटकी हुई है। उद्यमियों की मांगों को देखते हुए उद्योग विभाग ने निजी कंपनी से सर्वे करवाया था। किस-किस क्षेत्र में कितने उद्योग लगे हुए हैं, इसकी रिपोर्ट निजी कंपनी को देनी है। जिन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत उद्योग लगे हुए हैं, उन्हें नियमित किया जाना है। पिछले दिनों बाहरी क्षेत्र में लगे उद्योगों में तोड़ फोड़ भी की गई थी।
11 को सौंपनी है रिपोर्ट
जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों का कहना कि 11 नवंबर को निजी कंपनी अपनी रिपोर्ट जमा करवाएगी। यदि रिपोर्ट जमा नहीं होती तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
हरियाणा चैंबर आफ कामर्स के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल का कहना है कि इस मामले में जल्द कदम उठाया जाए।
कागजी कार्रवाई बढ़ रही
पानीपत के उद्योगों को नियमित किया जाएगा। 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने से उद्यमी हिचक रहे हैं। इससे कागजी कार्रवाई बढ़ेगी। उद्योगों को स्किल्ड वरक्र की जरूरत है। यह जिम्मा सरकार को लेना होगा। स्किल्ड कारीगर उपलब्ध करवाए जाएं।
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पानीपत में बढ़ रहा कारोबार
पानीपत में टेक्सटाइल एक्सपोर्ट कारोबार बढ़ रहा है। यूरोप से लेकर दुनियाभर के देश अब चीन से कारोबार नहीं करना चाहते। पानीपत के एक्सपोर्टरों को आर्डर ज्यादा मिलने लगे हैं। अगर औद्योगिक नीति उद्यमियों के लिए सरल होती है तो कारोबार और बढ़ेगा।
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