सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
बेशक, देश-प्रदेश में कोरोना ने अपना कहर बरपाया हुआ है, लेकिन नरवाना के नागरिक अस्पताल में 42 डॉक्टरों की बजाए 7 डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में कैसे इस क्षेत्र के मरीज अपने स्वास्थ्य को ठीक रख पाएंगे। हद तो तब हो गई, जब सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों के लिए 312 एमओ की नियुक्ति की लिस्ट जारी की है, लेकिन उनमें से एक भी डॉक्टर को नरवाना के सरकारी अस्पताल में नहीं भेजा गया है। इस पर लोगों का कहना है नरवाना के इस आरक्षित हल्के के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह तो तब है जब यहां से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार का विधायक है। उन्होंने मांग की कि एमओ की इतनी संख्या में नियुक्तियों को देखते हुए जरूरत के हिसाब से यहां डॉक्टर भेजे जाने चाहिएं थे और नहीं तो कम से कम कोरोना वायरस के चलते तो सरकार द्वारा इस पिछड़े क्षेत्र का ध्यान रखना था। महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यारानी दनौदा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि क्या नरवाना के लोग बीमार नहीं होते कि यहां डॉक्टरों की इतनी बड़ी कमी होने के बावजूद भी नियुक्ति की नई जारी लिस्ट में एक भी डॉक्टर नहीं भेजा गया है।
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नरवाना के नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है। इस संबंध में बार-बार सरकार को लिखा जा चुका है। बावजूद इसके नई लिस्ट में भी नरवाना का नाम नहीं है।
डा. देवेंद्र बिंदलिश, एसएमओ
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