करनाल में लघु सचिवालय पर किसानों का धरना दूसरे दिन भी जारी है। वहीं आज बार फि र प्रशासन ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। लगभग तीन घंटे तक चली बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला और ये तीसरी वार्ता भी विफ ल रही। बता दें कि मंगलवार को दो दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद से किसान रात भर धरने पर बैठे रहे। अब एक बार फि र किसान और प्रशासन अपने रुख पर कायम रहे। जिसके चलते बातचीत किसी समझौते तक नहीं पहुंची। किसानों की 11 सदस्यीय कमेटी प्रशासन से बातचीत करने जिला सचिवालय पहुंची थी। मीटिंग में प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे । किसान करनाल एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तीसरी वार्ता विफल रहने के बाद किसानों ने लघु सचिवालय पर सिंघु और टीकर बॉर्डर के जैसे आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है । गौरतलब है कि 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी।
पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफ आईआर दर्ज ह, दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए। इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने इन मांगों को मानने से साफ इनकार कर दिया था। इसके बाद मंगलवार को किसान एक मांग पर आ गए थे। किसान एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने ये मांग भी नहीं मानी। इसके बाद किसानों ने महापंचायत के बाद लघु सचिवालय का घेराव कर वहीं डेरा डाल दिया। बहरहाल जोरदार प्रदर्शन, बैरिकेड़ तोडऩे और पानी की बौछारों के बीच किसानों ने जिला सचिवालय घेर लिया है। किसान नेता राकेश टिकैत बाकी किसानों के साथ सचिवालय के गेट पर ही धरने पर बैठ गए हैं।
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