सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
एक तरफ तो देश-प्रदेश में कई जगह मानसून तबाही मचाती दिख रही है, दूसरी तरफ लगभग 9 महीने से खाली पड़ी नगरपरिषद प्रधान की कुर्सी पर 10 जुलाई को चुनाव के बाद वार्ड 4 की पार्षद सुनीता चोपड़ा को बैठाया गया था। इसके साथ ही वार्ड 9 के पार्षद राजू प्रजापति ने उपप्रधान की जिम्मेदारी संभाली थी। अब प्रधान की कुर्सी पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। वह इसलिए कि वार्ड 6 से पार्षद अजय जांगड़ा ने हाईकोर्ट में प्रधान के चुनाव को सरकार के 4 सितंबर 2019 के फैसले का हवाला देते हुए चुनौती दी थी कि नगर पार्षद, प्रधान के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटा नहीं सकते और ना ही बना सकते है। इसी से मिलते-जुलते जाखल नगरपरिषद के मामले में पिछले दिनों वहां की प्रधान को बहाल करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए भी थे। पार्षद अजय जांगड़ा की याचिका पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने 11 अगस्त की तिथि सुनवाई के लिए तय की है। जिसकी अनुपालना में उपायुक्त जींद द्वारा सीटीएम, एसडीएम नरवाना और नगरपरिषद ईओ व सचिव को 4 अगस्त को मीटिंग के लिए बुलाया है। अब ये सारा कुछ माननीय हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है कि वह कब और क्या निर्णय लेता है।
सरकार के फैसले को किया गया दरकिनार
अगर हाईकोर्ट में डाली गई याचिका में पार्षद अजय जांगड़ा सफल हो जाते हैं, तो ना केवल 10 जुलाई को हुआ प्रधान का चुनाव रद्द हो सकता है, बल्कि 30 सितंबर को हटाई गई प्रधान छवि बंसल को भी अपनी छीनी गई कुर्सी वापस मिलने की संभावना हो सकती है। अजय जांगड़ा ने कहा कि प्रधान कोई भी बने, लेकिन सरकार अपने द्वारा किए गए फैसले को लागू भी करे। इस संबन्ध में जब निवर्तमान चेयरपर्सन छवि बंसल के ससुर हंसराज समैण से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही प्रशासन को सरकार के 4 सितंबर के फैसले की याद दिलाते रहे हैं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
बॉक्स
10 जुलाई को प्रधान व उपप्रधान का चुनाव सरकार द्वारा ही करवाया गया है। इस संबंध में सरकार के अधिकारियों को ही जवाब देना है। इसके लिए हम कुछ नहीं कह सकते।
सुदेश चोपड़ा, चेयरमैन प्रतिनिधि
नगरपरिषद नरवाना।
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