नरवाना नगर परिषद में भाजपा समर्थित चेयरमैन व उप प्रधान की कुर्सी गिरने से लगा तगड़ा झटका
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नगरपरिषद की चेयरपर्सन व उप प्रधान द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक तिहाई के लगभग पार्षद अपनी नाराजगी जता चुके थे, क्योंकि पार्षदों का कहना था कि चेयरपर्सन छवि बंसल द्वारा शहर में करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया हुआ है, जिससे लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। इसलिए चेयरपर्सन छवि बंसल व उप प्रधान अजमेर श्योकंद की कुर्सी गिराने के लिए गत 17 जुलाई को 16 पार्षदों ने जिला उपायुक्त के पास जाकर अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए चुनाव करवाने को कहा था। जिसमें वार्ड नं 1 से पूनम देवी, वार्ड नं 2 से सुभाष चहल, वार्ड नं 3 से बलजीत जांगड़ा, वार्ड नं 6 से अजय जांगड़ा, वार्ड नं 8 से श्वेता देवी, वार्ड नं 9 से राजू प्रजापत, वार्ड नं 10 से अंजलि गुप्ता, वार्ड नं 11 से सुरेश पप्पू, वार्ड नं 13 से सविता गोयल, वार्ड नं 14 से संतोष देवी, वार्ड नं 15 से अमरजीत बबलू, वार्ड नं 16 से कैलाश सिंगला, वार्ड नं 17 से दिनेश गर्ग, वार्ड नं 19 से रमेश तूफान, वार्ड नं 21 से कृष्ण मोर, वार्र्ड नं 23 से सुरेंद्र मोर शामिल थे। जिसके बाद जिला उपायुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव का चुनाव करवाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त को चुनाव अधिकारी घोषित कर दिया गया था। लेकिन एडीसी का तबादला होने के कारण चुनाव नहीं करवाया जा सका। इसके बाद पार्षद डीसी से फिर मिले और उसके बाद डीसी ने 30 सितंबर को एसडीएम, नरवाना को चुनाव करवाने के निर्देश दिये। एसडीएम जयदीप कुमार सुबह 9 बजे ही नगरपरिषद कार्यालय में पहुंच गये थे और उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव करवाने के निर्देश दिये। जिसके बाद 16 पार्षदों ने प्रधान व उपप्रधान के खिलाफ वोट डालकर अविश्वास प्रस्ताव पारित करवा दिया। जिससे प्रधान व चेयरमैन की कुर्सी गिर गई।
इनैलो समर्थित पार्षद के वोट से गिरी प्रधान की कुर्सी
अविश्वास प्रस्ताव पारित करवाने के लिए पहले इनैलो समर्थित वार्ड नं 7 से पार्षद रितु मोर चुनाव के खिलाफ थी। लेकिन वार्ड नं 17 से पार्षद दिनेश गर्ग द्वारा पाला पलटने से 15 पार्षद ही रह गये थे। जिसके बाद कांग्रेस समर्थित निवर्तमान चेयरमैन सुरेश पप्पू व अन्य पार्षदों ने रितु मोर से संपर्क साधा और उनको अपने पक्ष में कर लिया। इस प्रकार 16 पार्षदों के पूरे हो जाने पर ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए चुनाव करवाया गया। वहीं प्रधान छवि बंसल, उप प्रधान अजमेर श्योकंद, पार्षद सुनीता जांगड़ा, दिनेश गर्ग, नीलम माटा, बिट्टू शर्मा ने चुनाव से दूरी बनाये रखी। उनमें से किसी ने वोट नहीं डाला।
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निवर्तमान प्रधान सुरेश पप्पू ने लगाये भ्रष्टाचार के आरोप
लगभग सवा साल पहले निवर्तमान प्रधान सुरेश पप्पू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनको कुर्सी से हटा दिया गया था। वहीं सुरेश पप्पू ने छवि बंसल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गलत तरीके से पद का दुरूपयोग किया था। उनके कार्यकाल में न तो सफाई व्यवस्था दुरूस्त हो सकी और स्ट्रीट लाइटों में भी करोड़ों का घोटाला किया गया। उन्होंनेे कहा कि जो सीसी की सड़कें बिल्कुल ठीक बनी हुई थी, उनके ऊपर प्लास्टिक की सड़कें बनाकर करोड़ों रूपये डकार गये। वहीं काम खत्म होने से पहले ही ठेकेदार को पेमेंट कर दी जाती थी। पूर्व चेयरमैन कैलाश सिंगला ने कहा कि आज भी चुनाव मेें प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा था। एसडीएम द्वारा चुनाव परिणाम घोषित नहीं किया जा रहा था, लेकिन 16 पार्षदों की एकजुटता के चलते एसडीएम को चुनाव परिणाम घोषित करना पड़ा।