सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नगरपरिषद द्वारा शहर में लोगों की सुविधा के लिए लाखों रूपये की लागत से सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया था, ताकि लोगों को लघुशंका करने के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन वहीं अब ये ही सार्वजनिक शौचालय लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। परंतु सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई व रख-रखाव की ओर नगरपरिषद का कोई ध्यान ही नहीं हैं। जिस कारण ये सार्वजनिक शौचालय केवल बदबू से लोगों को बीमार करते नजर आ रहे हैं। नगरपरिषद ने शहर में 10 सार्वजनिक शौचालय नेहरू पार्क, टैक्सी स्टैंड, सब्जी मंडी, पुराना बस स्टैंड, हुजूर मस्जिद, ट्रक मार्किट, वाल्मीकि मोहल्ला आदि जगहों पर बनाये गये थे। वहीं 26 सिंगल शौचालयों को बनवाया गया था। लेकिन इन शौचालयों की कोई सफाई नहीं हो रही हैं। इससे लोग सार्वजनिक शौचालयों की बाहर ही लघु शंका करते नजर आते हैं। नगरपरिषद ने सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई व रख-रखाव के लिए ठेकेदार को लगभग 80 हजार रूपये प्रति माह के टेंडर जारी किये थे। लेकिन ठेकेदार ने इन शौचालयों की सफाई व रख-रखाव की ओर न ध्यान न देते हुए अपनी जेब भरने का काम किया। जिसका नतीजा यह निकलकर आया कि सार्वजनिक शौचालयों की दयनीय हालत हो गई है। जिसको अब दोबारा से ठीक करवाने की जरूरत है।
दुकानदार कृष्ण सहारण ने कहा कि सार्वजनिक शौचालय केवल दिखावे के लिए बनाये गये हैं। इनका रख-रखाव तो दूर सफाई भी नहीं की जाती है। जिस कारण लोगों में खासकर महिलाओं को परेशानी होती हैं। दुकानदारों को लघुशंका जाने के लिए अपने घर जाना पड़ता है। प्रशासन को शौचालयों की साफ-सफाई की ओर ध्यान देना चाहिए।
नरेश ढिल्लयाण ने कहा कि शहर में जगह-जगह सार्वजनिक शौचालय बनाने का तभी फायदा है। जब इनकी नियमित सफाई व रख-रखाव हो। नेहरू पार्क के शौचालयों की बदतर हालत के लिए कई बार शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिस कारण पार्क में सैर करने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
पवन नैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले में शौच मुक्त भारत का सपना साकार के लिए लोगों को जागरूक करते हैं। परंतु सार्वजनिक शौचालयों की सफाई होगी, तब शौच मुक्त भारत होगा। शहर के सार्वजनिक शौचालयों की बदतर हालत के लिए नगरपरिषद प्रशासन ही जिम्मेदार है। जो इनकी सफाई के लिए लाखों रूपये का टेंडर छोडऩे के बाद सफाई नहीं करवाता।
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सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व रख-रखाव के लिए पुराने ठेकेदार के बिल रोक दिये गये हैं। अब नये सिरे से टेंडर लगाकर सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई करवायी जायेगी। लोगों को परेशानी नहीं होनी दी जायेगी।
सुरेश चौहान, कार्यकारी अधिकारी
नगरपरिषद, नरवाना।
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