सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
प्राइवेट स्कूलों में नियम 134ए के तहत दूसरी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा रविवार को आर्य कन्या स्कूल में ली गई। प्रवेश परीक्षा लेने के लिए प्राइवेट स्कूल के संचालकों के जिम्मे जिम्मेवारी सौंपी गई थी। लेकिन फिर भी परीक्षा के दौरान अव्यवस्था देखने को मिली। जिस कारण अभिभावकों में इस बात का काफी रोष दिखाई दिया। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह पुनियां ने बताया कि दूसरी कक्षा में 144 बच्चों में से 116 बच्चों ने परीक्षा दी, तीसरी कक्षा में 162 में से 122, चौथी कक्षा में 173 में से 137, पांचवी कक्षा में से 202 में से 174, छठी कक्षा में 228 में से 171, सातवीं कक्षा में 170 में से 136, आठवीं कक्षा में 157 में से 126, नौवीं कक्षा में 154 में से 124, दसवीं कक्षा मेंं 94 में से 67 तथा बारहवीं कक्षा में से 34 में से 19 बच्चों ने परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूल के बच्चों का दाखिला मेरिट आधार पर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को बच्चों का रिजल्ट घोषित किया जायेगा।
एक सेंटर होने से फैली अव्यवस्था
नरवाना क्षेत्र के 1473 बच्चों के लिए 134ए के तहत दाखिला लेने के लिए केवल एक ही सेंटर बनाया गया था। जबकि अन्य शहरों में चार-चार सेंटर बनाये गये थे। एक ही सेंटर होने के कारण हजारों बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा था। बच्चों को अंदर प्रवेश करवाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। अभिभावक छोटे-छोटे बच्चों को उनके परीक्षा कक्ष तक ले जाते हुए नजर आये। जिस कारण सेंटर में परीक्षा शुरू होने तक अव्यवस्था का आलम रहा। जिससे जो परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होने थी, वह 10.23 बजे जाकर शुरू हो पायी। यही नहीं परीक्षा आधी बीत जाने के बाद भी बच्चे परीक्षा के लिए जा रहे थे। अभिभावकों बलबीर, राजपाल, सुरेंद्र, सतबीर आदि का कहना था कि बच्चों की परीक्षा लेने के लिए दो वर्गों जूनियर व सीनियर वर्ग में में बांटा जाना था, लेकिन यहां केवल एक ही सेंटर दिया गया।
रोल नं. जारी न होने पर बच्चे ढूंढते रहे परीक्षा कक्ष
शिक्षा विभाग द्वारा केवल बीइओ कार्यालय के बाहर शुक्रवार देर शाम रोल नं. की लिस्ट चस्पा दी थी। अभिभावक बच्चों के रोल नं. देखने के लिए कार्यालय पहुंच रहे थे। लेकिन किसी शरारती तत्व ने उन लिस्टों को फाड़ दिया था। जिस कारण बच्चों को अपना रोल नं. पता नहीं चल सका था। बच्चे परीक्षा के समय केवल रजिस्ट्रेशन के सहारे ही परीक्षा देने पहुंचे थे, जिससे बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी।
पुलिस लाठीचार्ज की फैली अफवाह
प्रवेश परीक्षा समाप्त होने के बाद पुलिस कर्मचारियों द्वारा बच्चों को गेट से एक-एक करके बाहर निकाला जा रहा था, ताकि बच्चों को अभिभावक पहचानने में कोई दिक्कत न हो। लेकिन अभिभावक बच्चों को लेने के लिए जल्दबाजी करते नजर आ रहे थे और गेट से बच्चों को बाहर ही निकलने नहीं दे रहे थे। जिससे छोटे-छोटे बच्चों को बाहर निकलने में परेशानी हो रही थी। पुलिस कर्मचारी अभिभावकों को गेट से दूर करने के लिए बार-बार कह रहे थे, परंतु अभिभावक पीछे ही नहीं हट रहे थे। इसी बीच अभिभावकों को पीछे हटाने के लिए पुलिस कर्मचारी द्वारा धरती में डंडे मारने शुरू कर दिये थे, जिससे भीड़ पीछे हटती चली गई। इसी बीच गांव सिंघवाल की लड़की पायल भीड़ में फंस गई और वह गिर गई। लेकिन अभिभावकों में यह बात फैल गई कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। जबकि ऐसी कोई बात नजर नहीं आई।
पुलिस ने बच्चों को अभिभावकों से मिलवाने में की मदद
बच्चे परीक्षा देने के लिए केवल आधार कार्ड के साथ आये थे, उनके पास कोई रोल नं. नहीं था, जिस कारण बच्चे रोते हुए नजर आये। लेकिन पुलिस कर्मचारियों ने उनसे पिता का मोबाइल नं. लेकर उनसे बात करवाई और उसके बाद रोल नं दिया। यहीं नहीं परीक्षा समाप्त होने के बाद छोटे बच्चों को अपने माता-पिता नहीं मिले, तो वे रोने लगे। जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने उनको पुलिस जीप में बैठाकर पानी पिलाया और उनसे माता-पिता का नाम पूछकर उनको कार्यालय में छोड़कर आये।
बॉक्स
लड़की पायल के पिता ने कहा कि लाठीचार्ज जैसी कोई बात नहीं हुई है। भीड़ के कारण गेट खुलने से हादसा हुआ था। पुलिस ने कोई लाठीचार्ज नहीं किया।
जगत सिंह
डीएसपी, नरवाना।
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