सत्य खबर, रेवाड़ी । नारनौल स्थित नसीबपुर जेल में सामने आए रिश्वतकांड में विजिलेंस ने छापेमारी तेज कर दी है। जेलर और डिप्टी जेलर दोनों की तलाश में विजिलेंस ब्यूरों अभी तक उनके सभी संभावित ठिकानों पर रेड कर चुकी है, लेकिन दोनों के बारे में ही सुराग नहीं लग पाया है। वहीं नारनौल सेशन कोर्ट से दोनों ही अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब दोनों ही अपने वकीलों के जरिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अपील दायर करने की तैयारी में है।
बता दें कि विजिलेंस ब्यूरों की टीम ने रेवाड़ी जेल अधीक्षक अनिल कुमार जांगड़ा के रेवाड़ी स्थित सरकारी आवास के अलावा उनके पैतृक घर पर भी छापेमारी की। इतना ही नहीं डिप्टी जेल सुप्ररिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा की गिरफ्तारी को लेकर भी उनके घर से लेकर संभावित ठिकानों पर रेड की गई है। दोनों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नारनौल की एडिशनल सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई थी, जो खारिज हो चुकी है। विजिलेंस दोनों के गिरफ्तारी वारंट भी चस्पा कर चुकी है, जिससे उन्हें जांच में शामिल किया जा सके। लेकिन अभी तक दोनों ही जेल अधिकारी भगौडे की तरफ इधर-उधर भाग रहे है।
CCTV फुटेज और रिकार्ड कब्जे में
सूत्रों के अनुसार विजिलेंस ब्यूरों ने नारनौल की नसीबपुर जेल से दोनों ही जेल अधिकारियों का रिकार्ड और वहां लगे CCTV फुटेज कब्जे में लिए है। इसके साथ ही दोनों पर शिकंजा कसने के लिए हरियाणा ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी उनके छीपे होने की आशंका के बीच रेड की गई है। विजिलेंस सूत्रों के अनुसार पिछले 15 दिनों में दोनों ही जेल अधिकारियों के 20 से ज्यादा संभावित ठिकानों पर जांच की गई है।
रंगे हाथ पकड़ा था जेल वार्डन
9 दिसंबर को स्टेट विजिलेंस गुरुग्राम की टीम ने नारनौल जेल के जेल वार्डन राजन को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों जेल के भीतर से ही पकड़ा था। उसके बाद जेल के एक अन्य वार्डन गजे सिंह की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद जेल सुप्ररिटेंडेंट अनिल जांगड़ा व डिप्टी जेल सुप्ररिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा का रिश्वत में नाम सामने आया। डिप्टी सुप्ररिटेंडेंट को तो बकायदा एफआईआर में नामजद भी किया गया। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी रिश्वत कांड की असली परतें उठ गई। 15 दिसंबर को विजिलेंस टीम ने इंस्पेक्टर अजीत सिंह के नेतृत्व में रेवाड़ी स्थित जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के घर रेड कर दी। लेकिन इस रेड की जानकारी लीक होने की वजह से जेल अधीक्षक अनिल अलसुबह से ही अंधेरे में घर से फरार हो गए।
दोनों के गिरफ्तारी वारंट हो चुके जारी
इस रिश्वत केस से पहले नारनौल जेल का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले रेवाड़ी जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा और नारनौल जेल के डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्डा भूमिगत हो गए है। विजिलेंस ने दोनों की गिरफ्तारी को कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। विजिलेंस ने 4 दिन पहले इन दोनों के घरों पर उक्त रिश्वत कांड मामले की जांच में शामिल होने के लिए नोटिस चस्पा किए। इसके साथ ही नसीबपुर जेल एवं रेवाड़ी जेल में भी इसी तरह के नोटिस लगाए गए है और वहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी हाजिर होने पर जांच में शामिल कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। विजिलेंस दूसरी तरफ सूत्रों के जरिए दोनों के संभावित ठिकानों पर भी निगरानी रखे हुए है, जिससे उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
रेड फेल होने पर नप चुके इंस्पेक्टर
नारनौल में रिश्वतकांड से पर्दा उठाने वाले नूहं विजिलेंस के इंस्पेक्टर अजीत सिंह शुरू से ही केस में ताबड़तोड़ छापेमारी करते रहे, लेकिन जेल वार्डन राजन और गजे सिंह के अलावा कोई तीसरा आरोपी उनके हत्थे नहीं चढ़ा। उसके बाद 15 दिसंबर को रेवाड़ी जेल स्थित जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के घर रेड की गई। बताते है कि रेड से पहले जेल अधीक्षक को इसकी भनक लग गई थी और सुबह 4 बजे विजिलेंस के पहुंचने से पहले ही जेल अधीक्षक घर से फरार हो चुके थे। रेड की जानकारी लीक होने के साथ ही सर्च वारंट लेने में भी उनसे चूक हुई, जबकि जेल सुपरिटेंडेंट उस रात अपने आवास पर होने के बावजूद वहां से रफूचक्कर होने में कामयाब हो गए। जिसके चलते इंस्पेक्टर अजीत सिंह सस्पेंड हो चुके है।
ये था मामला
9 दिसंबर को विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने नारनौल की नसीबपुर जेल के वार्डन राजन को 1 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उसने यह रकम जेल में बंद हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर पपला गुर्जर के खास गुर्गे संदीप उर्फ सिंधिया के भाई हंसराज से ली। संदीप ने एक जेल वार्डन के फोन से ही कॉल करके अपने भाई हंसराज को इस रकम का इंतजाम करने को कहा था। हंसराज रकम लेकर जेल पहुंचा और वहां गार्द पोस्ट के अंदर वार्डन राजन को सौंप दी। विजिलेंस ब्यूरो ने उसी समय रेड मारकर राजन को रकम गिनते हुए दबोच लिया था। राजन ने पूछताछ में बताया कि जेल के ही एक अन्य वार्डन गजे सिंह के कहने पर उसने यह रकम ली। राजन के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने गजे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ हुई तो पता चला कि जेल में सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर के कहने पर रिश्वत ली गई। अब जेल के दोनों बड़े अधिकारी फरार है।
जांच जारी है, सबूत जुटाए गए
मामले की जांच कर रहे विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी जेलर को जांच में शामिल कराने के लिए उनके घरों एवं जेल में पहले ही नोटिस लगाए जा चुके है। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी ले लिए जा चुके है। मामले की जांच जारी है। कुछ और भी सबूत जुटाए गए है।
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