सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। कोरोना वायरस से रोकथाम हेतू किए गए लॉक डाउन के दौरान निर्धन परिवारों को राशन उपलब्ध करवाए जाने के लिए प्रशासन द्वारा करवाया जा रहा कोविड 19 सर्वे शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। सर्वे के दौरान परिवार के मुखिया से 15 प्रश्र पूछे जाने हैं जिन के आधार पर सर्वे फार्म भरा जायेगा। अधिकारियों ने सर्वे में लगाए गए शिक्षकों को शहरों में पूरे वार्ड का व गांवों में पूरे गांव का व हर घर का सर्वे करने के आदेश दिए जिसके बाद शिक्षकों के लिए समस्या पैदा हुई। कोरोना वायरस से बचाव के लिए कुछ लोग तो किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपने घर में नहीं आने देना चाहते जिसके बाद शिक्षकों ने फोन के माध्यम से प्रश्र पूछने शुरू कर दिए। जहां जरूरतमंद लोगों ने पूरी जानकारी देकर सरकारी सहायता लेने के लिए जानकारी दी वहीं कुछ साधन सम्पन्न लोगों ने जानकारी देने से मना करते हुए कहा कि अधिकारियों को जरूरतमंद लोगों के परिवारों का सर्वे करना चाहिए न की साधन सम्पन्न लोगों से पूछना चाहिए कि उन्हें राशन चाहिए या नहीं। उल्लेखनीय है कि नारायणगढ़ में एक शिक्षक द्वारा जब एक बड़े राजनेता व एक बड़े अधिकारी से फोन पर कोविड 19 सर्वे फार्म में दिए गए राशन व दवाई की मांग को लेकर प्रश्र पूछे गए तो इन लोगों ने एतराज जताया व कहा कि अधिकारियों को निर्धन परिवारों का सर्वे करवाकर सहायता करनी चाहिए न कि साधन सम्पन्न लोगों को इस तरह के फोन करवाने चाहिए। सर्वे के दौरान एक व्यक्ति ने शिक्षक को पूछा कि उनका फोन नम्बर उसे किस ने दिया जिस पर शिक्षक ने चुप्पी धारण करना ही बेहतर समझा। जब इस बारे खंड शिक्षा अधिकारी जसमेर सैनी ने पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ जगह इस प्रकार की समस्या आ रही है जिसके लिए शिक्षक सर्वे फार्म में लिख सकते हैं कि इस परिवार की कोई मांग नहीं है।
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