दिल्ली, सत्य ख़बर। सात साल पहले दिल्ली की सड़कों पर चलती बस में निर्भया के साथ एक दिल देहला देने वाली वारदात को अंजाम देने वाले छह दरिंदों में एक नाबालिग भी शामिल था। आज इतने वर्षों बाद जब निर्भया के दोषियों की फांसी को लेकर हलचल तेज हो गई है, तो सबकी नजरें उन चार हत्यारों पर टिकी हुई हैं, जो तिहाड़ में बंद हैं और अपनी जिंदगी के आखिरी दिन गिन रहे हैं। ऐसे में शायद ही किसी को निर्भया के उस छठे गुनहगार की याद है, जो इस वक्त अपने साथियों की मौत को सामने देखकर चंमभित है
सुधार गृह में भेजा गया नाबलिग
निर्भया का यह छठा आरोपी 16 दिसंबर, 2012 की उस काली रात के कुछ महीने बाद ही 18 साल का हो जाता, लेकिन कानूनी रूप से घटना के वक्त नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने मौजूदा कानून के आधार पर उसे सजा देने की बजाए सुधार गृह में भेजने का फैसला सुनाया था।
देश की जनता ने पत्थर दिल से कोर्ट के इस फैसले को स्वीकार किया था। इसी घटना के बाद नाबालिगों की उम्र 18 से घटाकर 16 कर दी गई। निर्भया के छह दोषियों में से यह एकमात्र ऐसा शख्स है जिसका चेहरा आजतक देश की जनता से छुपा हुआ है।
निर्भया के साथ हुई दरिंदगी में शामिल यह नाबालिग अब 24 साल का हो चुका है। कुछ सालों तक बाल सुधार गृह में रहने के बाद उसे दिसंबर 2016 में मुक्त कर दिया गया। फिलहाल वह दक्षिण भारत के किसी राज्य में कुक का काम कर रहा है। उसने दिल्ली में प्रेक्षणगृह में खाना पकाने का काम सीखा था। एक एनजीओ के अधिकारी ने बताया कि उसने अपना नया नाम रख लिया है। और अपनी नई जिंदगी जी रहा है
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