सत्य खबर, नोएडा
पूर्वी दिल्ली की साइबर सेल टीम ने नोएडा में छापा मारकर एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग के मास्टरमाइंड समेत तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. ये शातिर नोएडा के सेक्टर-62 में बैठकर फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम दिया करते थे.
डीसीपी प्रियंका कश्यप ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान यूपी के बुलंदशहर निवासी राहुल सिंह, बिजनौर निवासी अजय पाल सिंह और महोबा निवासी कृष्ण मोहन सिंह के तौर पर हुई है. ये शातिर लंबे अर्से से नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी को अंजाम दे रहे थे. इस गिरोह का सरगना राहुल सिंह है.
डीसीपी ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन को एक शिकायत प्राप्त हुई. जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने एक वेबसाइट शाइन डॉट कॉम पर नौकरी के लिए आवेदन किया था. उसे शाइन डॉट कॉम से होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फोन आया. उसने उसे बायजूज के साथ योग शिक्षक के रूप में नौकरी की पेशकश की. इसके एवज में उन्होंने जमानत राशि मांगी. उसे कई ऑनलाइन लेन-देन के माध्यम से 1 लाख 72 हजार 500 रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया. पैसे देने के बाद उसे नौकरी नहीं दी गई. कॉलर ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया.
इस शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की. इंस्पेक्टर सतेंद्र खारी के नेतृत्व में एसआई सौरभ, एएसआई विजेंदर, सुखपाल, एचसी शिव बच्चन, सीटीएस नरेंद्र, निर्मला, पूनम और नीतू की टीम का गठन किया गया. इस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर नोएडा के सेक्टर-62 की एक बिल्डिंग में छापा मारकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इन शातिर बदमाशों के कब्जे से ठगी में इस्तेमाल 8 मोबाइल, 5 कम्प्यूटर, डेबिट कार्ड और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गैंग का सरगना और मुख्य आरोपी राहुल शाइन डॉट कॉम वेबसाइट पर मोबाइल नंबर रजिस्टर करवाता था. रजिस्ट्रेशन के लिए वह पीड़ितों के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी मांगता था. बेरोजगारों के डेटा तक पहुंचने के लिए उन्होंने पंजीकरण के लिए शाइन डॉट कॉम को हर महीने 20-22 हजार रुपए का भुगतान किया. फिर वे अपने प्रोफाइल के आधार पर आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करते थे. वे शिक्षण या नर्सिंग की नौकरी चाहने वाले लोगों को निशाना बनाते थे. देश के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोग इनके सॉफ्ट टारगेट होते थे.
एक बार रजिस्ट्रेशन के नाम पर मामूली रकम मांगी जाती थी. इसके बाद धीरे-धीरे जॉब आईडी बनाने और अन्य कामों का झांसा देकर लोगों से ठगी की जाती थी. अब तक मुंबई, गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड में रहने वाले नौ अन्य पीड़ितों की पहचान की गई है. इस गिरोह ने अब तक सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया है.
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