सत्य खबर । हिसार
पराली आज प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन गई है। इससे मुक्ति पाने के लिए सरकारें तरह-तरह के उपाय तलाश रही हैं, लेकिन पूर्ण सफलता अब भी मिलती नहीं दिख रही है। इन्हीं प्रयासों के क्रम में हरियाणा के हिसार जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा है कि रेड जोन गांवों में जीरो बर्निंग का लक्ष्य प्राप्त करने वाली पंचायतों को राज्य स्तर पर पांच,तीन व दो लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।
प्रियंका सोनी ने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल अवशेष प्रबंधन के तहत मशीनों से खेत में या खेत के बाहर पराली की गांठ बना सकते हैं। इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, वहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। गांठ बनाने वाले किसानों के लिए सरकार 50 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन देगी।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की कृषि अभियंत्रण शाखा और हरियाणा कृषि प्रबंधन व विस्तार प्रोद्यौगिकी संस्थान जींद ने हिसार जिले के सभी रेड जोन घिराय, काजल, नारनौंद, औंरग शाहपूर, राजपुरा, चमारखेड़ा, बिठमड़ा तथा पाबड़ा गांवों में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के तहत मशीनरी के संचालन, मरम्मत एवं तकनीकों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सहायक कृषि अभियंता गोपीराम ने बताया कि निदेशालय के निर्देशानुसार रेड जोन गांव में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन शिविरों में प्रति गांव 40 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 280 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इन गांवों में किसानों के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों व मशीनों की कमी नहीं रहने दी जाएगी व लघु और सीमांत किसानों को किराए के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को सुपर सीडर, बेलर आदि आधुनिक मशीनों के फिल्ड प्रदर्शन से भी समझाया जा रहा हैं ताकि किसान बारीकी से जानकारी प्राप्त करके मशीनों का सफल संचालन कर सकें।
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