सत्यखबर
आंदोलन के कारण नेटवर्क बंद करने से उद्योगों का पहिया थम गया। इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से माल बेचने के लिए इ-वे बिल नहीं बन पाए। जीएसटी में माल भेजने के लिए इ-वे बिल होना आवश्यक है। ड्राइ पोर्ट पर भी डाक्यूमेंट क्लीयर नहीं हो पा रहे। नेटवर्क बंद होने से निर्यातकों की परेशानी भी बढ़ गई है। उद्यमी अन्य शहरों, प्रदेशों को न तो माल भेज पा रहे हैं, और नहीं माल मंगवाने की स्थिति में है। बिल न बनने के कारण ट्रांसपोरर्टरों की गाड़ियां भी नहीं जा पा रही। पानीपत में 100 करोड़ की बिलिंग अटकी।
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रोटर स्पिनर्स एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रीतम सचदेवा ने सरकार से मांग की है कि वह औद्योगिक शहरों में इंटरनेट सेवा बंद न करे। इंटरनेट सेवा बंद होने से आर्डर भुगताने की समस्या आ रहा है। निर्यात उद्योग के साथ-साथ घरेलू मार्केट प्रभावित हुआ है। उद्योग व्यापार को बचाने के लिए इ-वे बिल इस दौरान बंद कर दिया जाए। बिना इ-वे बिल के माल भेजने की परमिशन कारोबारियों को मिलने चाहिए। यदि माल समय पर नहीं पहुंचा तो आर्डर रद्द होने का डर बन गया है।
इंटरनेट सेवा पर बैंकिंग सेवाएं भी निर्भर है। आरटीजीएस तक व्यापारी नहीं कर पा रहे हैं पोर्ट पर माल अटक गए हैं बिजली के बिल से लेकर अन्य बिल तक नहीं भरे जा रहे हैं इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इंटरनेट सेवा बंद होने से पानीपत के व्यापारी जो वट्सअप, फेसबुक से आर्डर बुक कर रहे हैं।
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