सत्यखबर
किसानों ने एक बार फिर से धरना दे दिया है, इसके साथ ही लंगर सेवा भी शुरू हो गई है। भारी पुलिस बल तैनात है। लेकिन किसानों के आगे पुलिस की नहीं चली। किसानों का कहना है कि लंगर सेवा तो खत्म की ही नहीं जा सकती।
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पानीपत में एक दिन पहले पुलिस ने लंगर का टेंट उखड़वा दिया था। इसके साथ ही किसानों से भी कह दिया था कि धरना उठा लें। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने धरना उठा लिया था। साथ ही यह भी कहा था कि वे शुक्रवार को बैठक करेंगे। धरना देना उनका अधिकार है। यह तय करेंगे कि कहां पर धरना देना है। अभी बैठक नहीं हुई। लेकिन सुबह सुबह सैकड़ों किसान टोल प्लाजा पर पहुंच गए। टोल टैक्स की वसूली हो रही थी। सबसे पहले तो ये वसूली बंद कराई। इसके बाद लंगर सेवा भी शुरू हो गई।
लालकिले पर केसिरया ध्वज फहराने से किसान आंदोलन कमजोर हुआ था। आम लोगों ने भी इसकी निंदा की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए थे। जगह-जगह से धरने खत्म भी हो रहे थे। लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर से किसान एकजुट होने लगे हैं। दरअसल, एक दिन पहले राकेश टिकैत के भावनात्मक बयान के बाद किसान एकत्र होने लगे हैं। गांवों से ट्रैक्टर बाहर निकल रहे हैं। दिल्ली बार्डर की ओर बढ़ रहे हैं। धरना फिर मजबूत होने लगा है।
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