सत्य खबर, चण्डीगढ़
कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता एक पत्थर तबीयत से उछालों तो यारो यानि सच्ची लगन से मेहनत की जाए तो हजारों परेशानियों के बावजूद सफलता मिलना तय है। इसका बहुत ही बड़ा उदाहरण है आईएएस अधिकारी हिमांशु नागपाल। हिमांशु नागपाल के निजी जीवन में कई सारी कठिनाइयां आईं लेकिन उनकी मेहनत और सच्ची लगन ने उन्हें पहले प्रयास में ही आईएएस अधिकारी बना दिया। जिसके बाद हिमांशु खुश है।
आईएएस अधिकारी हिमांशु नागपाल ने यूपीएससी की परीक्षा पहले अटेम्प्ट में ही क्लियर कर ली थी। इसका पूरा श्रेय वो अपने पिता को देते हैं। हिमांशु नागपाल की कहानी सभी छात्रों के लिए काफी प्रेरणादायक है। ग्रेजुएशन के दौरान उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया और मौत हो गई हालांकि उनके पिता के आखिरी शब्दों को हिमांशु ने काफी गंभीरता से लिया और बेहद गंभीर होकर पढ़ाई की। यही कारण रहा कि उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया।
हिमांशु के अनुसार अभी उनके पिता की मौत को कुछ ही समय हुआ था कि उनके भाई की भी मौत हो गई। पिता और बड़े भाई के अचानक मौत से वह एकदम टूट गया। इसके बाद वो पढ़ाई से दूर होने लगे और घर में ही रहने लगे। इसी दौरान उनके चाचा ने उन्हें संभाला और पढ़ाई के लिए भेजा। उसके बाद अपने पिता की बातें याद आने के बाद हिमांशु ने ठान लिया था कि वह हर हाल में यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अफ सर बनेंगे। उन्होंने दिन-रात मेहनत की और पहले ही प्रयास में यूपीएससी में 26वीं रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा कर लिया।
हिमांशु नागपाल हरियाणा के एक गांव के रहने वाले हैं और उनकी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई। वे पढ़ाई में बहुत होशियार नहीं थे। जब भी पहली बार ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज गए तो उनके पिता भी वहां साथ गए थे। वहां टॉपर्स की लिस्ट देखकर उनके पिता ने कहा कि हिमांशु मैं तुम्हारा नाम इस लिस्ट में देखना चाहता हूं। जब उनके पिता वापस घर लौट रहे थे उस वक्त उनका एक्सीडेंट हो गया और मौत हो गई।
वहीं हिमांशु कहते हैं कि आप शुरुआत की पढ़ाई में कैसे हैं इससे कोई फ र्क नहीं पड़ता। आपको यूपीएससी में जीरो से शुरू करना होता है और दिन-रात मेहनत करके आप यहां सफ लता प्राप्त कर सकते हैं। हिमांशु का मानना है कि कुछ दिनों के लिए आपको अपनी सोशल लाइफ को ब्रेक देना होता है और सही दिशा में कड़ी मेहनत करनी होती है। एक्रागत व स्वाद व स्वार्थ त्याग कर इसमें आगे बढ़ा जा सकता है। हिमांशु ने बताया कि अपने पिता का सपना साकार कर उन्हें बेेहद खुशी हुई। वहीं एक सवाल के जवाब में हिमांशु नागपाल ने कहा कि एक अधिकारी के रूप में जहां पर भी वह कार्य करेंगे गरीबों का विशेष ध्यान रखेंगे। उनका पूरा प्रयास होगी की उनकेे अधिकार क्षेत्र में कोई जरूरतमंद खाने व रहने को परेशान ना हो।
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