सत्य खबर, कोलकाता
चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की लगाई गई पाबंदी पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं। ममता बनर्जी तय समय से पहले ही कोलकाता के गांधी मूर्ति स्थल पर पहुंच गई और वीलचेयर व मेज डलवा कर धरने पर बैठ गई। उस वक्त उनके साथ सिर्फ उनके सुरक्षाकर्मी ही थे।
बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी आज शाम तक धरने पर बैठेंगी। उसके बाद बारासात और बिधाननगर में रैलियां करेंगी। ममता बनर्जी पर लगा यह बैन सोमवार रात 8 बजे से लागू है। चुनाव आयोग के खिलाफ ममता बनर्जी के इस धरने के अहम मायने हैं। वह धरना स्थल पर वीलचेयर पर बैठी हुई हैं। उनके सामने एक टेबल रखी हुई है और वह एक नोट पैड पर पेंटिंग बना रही हैं।
बता दें कि चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से रोक लगाई है। ममता बनर्जी 14 अप्रैल को कूचबिहार जाने वाली थी। आयोग ने ममता बनर्जी को भडक़ाऊ भाषण देने के मामले में आरोपी माना था। उधर तृणमूल कांग्रेस की ओर से ईस्टर्न कमांड से धरने को लेकर एनओसी जारी करने की मांग की गई थी जिस पर अधिकारियों ने कहा हमें टीएमसी की ओर से आज सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर ऐप्लिकेशन मिली।
कोलकाता का गांधी मूर्ति इलाका सेना के अधिकार क्षेत्र में आता है। अभी इस पर प्रक्रिया जारी है और एनओसी जारी नहीं की गई है। ये कहा था चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर लगा यह बैन सोमवार रात 8 बजे से लागू है और आज रात 8 बजे यह बैन खत्म होगा।
निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा था आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे ब्यानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे ब्यानों का उपयोग करने से बचें। चुनाव आयोग ने इससे पहले ममता को नोटिस जारी कर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा था।
वहीं टीएमसी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी की शाखा की तरह बर्ताव कर रहा है और उसके फैसले से अधिनायकवाद की बू आती है। तृणमूल के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा आयोग बिल्कुल कमजोर पड़ चुका है।
चुनाव आयोग से ममता की सीधी टक्कर
ममता बनर्जी इस बार चुनाव आयोग से सीधे-सीधे टक्कर ले रही हैं। इससे पहले उन्होंने कई मौके पर चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को सीआरपीएफ घेराव और अल्पसंख्यक वोट एकजुट रहने के ब्यानों पर नोटिस दिया था।
72 घंटे पहले खत्म होगा चुनाव प्रचार
जबकि मतदान की तय तारीख से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार खत्म होता है। यानी अब 17 अप्रैल को होने वाले पांचवें चरण के मतदान के लिए 15 अप्रैल के बजाय 14 अप्रैल की शाम को ही चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। इसी के साथ चुनाव आयोग ने 72 घंटे तक किसी भी दल के नेता के कूचबिहार जाने पर रोक लगाई थी।
ममता को मिल सकता है फायदा!
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि ममता को चुनाव आयोग के इस रुख से चुनावी फायदा मिल सकता है। ममता के समर्थक पहले से ही चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में इस फैसले से लोगों में यह संदेश जाएगा कि ममता बनर्जी को हराने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
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