सत्यखबर, चढ़ीगढ़
बता दे की हरियाणा में रोडवेज की बसों में यात्रा करना पहले से अधिक महंगा हो गया है। बसों के किराये में बढ़ोतरी के बाद अब हरियाणा सरकार ने टोल टैक्स का बोझ सवारियों पर डाल दिया है। कोरोना महामारी के चलते वसीम चलाना सरकार की मजबूरी है लेकिन इन बसों में भरपूर सवारिया नहीं मिल रही है जिस कारण हर रोज रोडवेज का घाटा बढ़ता जा रहा है। बसों को चलाने में हो रहे आर्थिक नुकसान को देखते हुए टोल टैक्स की दरों का बोझ सवारियों पर डालने का फैसला लिया है।
इसके साथ ही हरियाणा की रोडवेज बसों में टोल टैक्स के पैसे को 52 सवारियों में बराबर बांटा जाता था। कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने बसों में फिजिकल डिस्टेंसिंग लागू की है। इसके तहत 52 सीटर बसों में अधिकतम 30 सवारियां बैठाई जा रही हैं। टोल टैक्स की दरें तो वहीं हैं लेकिन अब इसका बंटवारा 52 की जगह 30 सवारियों में होगा।
ऐसे में हर रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को अपनी जेब ढीली करनी होगी। यानी हरियाणा रोडवेज की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को पहले से ज्यादा किराया देना पड़ेगा। प्रदेश के अधिकतर नेशनल व स्टेट हाईवे पर टोल प्लाजा लगे हुए हैं। ऐसे में छोटे रूट पर भी टोल टैक्स के रूप में बढ़ा हुआ किराया दिए बिना सफर करना आसान नहीं होगा।
महीने भर पहले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट ने बसों के किराये में बढ़ोतरी का फैसला किया था। इसे लागू किया जा चुका है। सामान्य बसों के अलावा वातानुकूलित बसों के किराये में भी बढ़ोतरी की गई थी। हरियाणा सरकार दिल्ली से चंडीगढ़ तक का सफर 125 रुपये पहले ही महंगा कर चुकी है।
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