सत्य खबर
इस बार दीपावली पर प्रदूषण को लेकर जैसी चिंता थी, वैसा नहीं हुआ। इस पर्व की रात को 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली तो अपने साथ आतिशबाजी के कारण पैदा हुए जहरीले धुएं को भी खींच ले गई। ऐसे में इस बार प्रदूषण का स्तर कम दर्ज किया गया। इससे लोगों को रविवार की सुबह कुछ राहत मिली। आसमान काफी हद तक साफ दिखा। बता दें कि इस बार प्रदूषण का स्तर दीपावली से कई दिन पहले से ही अत्यधिक बढ़ गया था। इसे देखते हुए एनजीटी की ओर से पटाखों की बिक्री और चलाने पर रोक लगा दी गई थी।
मगर इस बार प्रतिबंध का असर नहीं दिखा। हरियाणा के सभी जिलों में दीपावली पर बाजारों में पटाखे बेचे भी गए और खूब जलाए भी गए। इससे धुुआं भी खूब पैदा हुआ, मगर राहत यह रही कि इस बार दीपावली की रात हवा की रफ्तार ज्यादा रहीं। इसके कारण धुएं का गुबार नहीं बन गया और यह हवा के साथ ही निकल गया। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली पर जब भी हवा की गति मंद पड़ती है तब प्रदृूषण का स्तर बढ़ जाता है।
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आधी रात के बाद तक जारी रही आतिशबाजी
प्रतिबंध के बावजूद बहादुरगढ़ उपमंडल के शहरी और ग्रामीण इलाके में आधी रात के बाद तक आतिशबाजी का दौर जारी रहा। इससे वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी खूब हुआ। दीपावली पर आतिशबाजी के शौक में लोग सेहत का ध्यान रखना ही भूल गए। कानून का उल्लंघन भी जमकर किया। पुलिस-प्रशासन की ओर से पटाखों की बिक्री और जलाने को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
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