सत्य खबर, चण्डीगढ़
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश में गहराते जा रहे बिजली संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली कम और बिल ज्यादा की नीति पर चल रही है सरकार और जनता कर रही है हा-हाकार। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने खेदड(हिसार), झाड़ली, खानपुर(झज्जर) व यमुनानगर में थर्मल पावर व फतेहाबाद में परमाणु बिजली प्लांट लगाकर प्रदेश को पॉवर सरप्लस और देश में सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य बनाया। इस बात को खुद मुख्यमंत्री जी ने दूसरे प्रदेशों में जाकर स्वीकार भी किया।
लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि BJP-JJP सरकार के नकारेपन के चलते प्रदेश में कोई नया प्लांट लगना तो दूर लोग महँगी बिजली, पॉवर कट की मार झेल रहे हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार ने बीते 8 साल में राज्य में 1 मेगावाट भी बिजली उत्पादन नहीं बढ़ाया, उल्टा जब किसान को बिजली की सबसे ज्यादा जरुरत थी उस समय हरियाणा की भाजपा सरकार ने 3 दिसंबर, 2015 को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर झाड़ली प्लांट से हरियाणा के हिस्से की बिजली दूसरे प्रदेशों में बांटने के लिये सरेंडर कर दी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हर मोर्चे पर फेल गठबंधन सरकार ने बिजली के मामले में हरियाणा को 17 साल पीछे ढकेलकर 2005 से पहले वाली हालत में पहुंचा दिया है।
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दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ये वही भाजपा सरकार है जो हरियाणा के हिस्से की सस्ती बिजली सरेंडर करके आज अडानी कंपनी से महंगी बिजली खरीद रही है। ताकि आम बिजली उपभोक्ताओं की जेब काटकर निजी कंपनियों की तिजोरी को भरा जा सके। यही कारण है कि आसमान छूती महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही जनता को महंगाई से राहत देने की बजाय हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार ने पिछले दिनों बिजली के रेट बढ़ाकर जले पर नमक छिड़कने वाला काम किया है।
हरियाणा में बिजली के रेट बढ़ने से करीब 50 लाख परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल 0 से 150 यूनिट आता है उन्हें अब बढ़़े रेट के हिसाब से 37.50 रुपये अधिक चुकाने होंगे। उन्होंने बताया कि हुड्डा सरकार ने 10 साल में कभी बिजली के दाम नहीं बढ़ाये उल्टे किसानों के लिये बिजली के रेट कम किये। किसानों के 1600 करोड़ के बिजली के बिल माफ किए। हरियाणा में बिजली के 5 नये प्लांट लगवाये, सारी पुरानी लाईनों के तार बदलवाए, नये ट्रांसफार्मर लगवाए।
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सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार के नकारेपन का खामियाजा इस चिलचिलाती गर्मी में आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जो सरकार आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे सके ऐसी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है? उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता करीब 12175 हजार मेगावाट है।
लेकिन इस समय मात्र 1100 मेगावाट बिजली ही पैदा हो पा रही है। अगर मौजूदा बिजली प्लांटों अगर पूरी क्षमता से चलाया जाए तो न सिर्फ प्रदेश को 24 घंटे बिजली मिलेगी बल्कि सरप्लस बिजली दूसरे राज्यों को बेची भी जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि 2005 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, उस समय प्रदेश में बिजली व्यवस्था बुरी तरह से चरमरायी हुई थी और हरियाणा की बिजली उत्पादन क्षमता मात्र 1550 मेगावाट थी। लेकिन चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के कुशल नेतृत्व में 10 साल में खेदड़ (हिसार) में राजीव गांधी थर्मल पॉवर – 1200 मेगावाट, झज्जर स्थित इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर – 1500 मेगावाट, झज्जर स्थित महात्मां गांधी सुपर थर्मल पावर – 1320 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर यमुनानगर – 600 मेगावाट, पानीपत थर्मल पावर स्टेज 6 – 250 मेगावाट के बिजली कारखाने लगवाये।
इसके अलावा भारत-अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते के तहत फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में 2800 मेगावाट का पहला परमाणु बिजली संयंत्र मंजूर कराकर काम शुरु कराया गया। हुड्डा सरकार ने राज्य को बिजली संकट से मुक्त कराकर पावर सरप्लस प्रदेश बना दिया था और पूरे देश में सबसे सस्ती बिजली हरियाणा में मिलती थी।
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