सत्यख़बर डेस्क
गर्मी की शुरुआत इस साल भी महंगाई की मार से हुई है। हर चीज़ के भाव बढ़ते जा रहे है। वैसे कुछ चीज़ों पर करकसर कर हम स्थिति संभाल सकते है मगर आवश्यक चीज़ों के बढ़ते भाव आम आदमी को बेहाल कर देते है। बात करें सब्जियों की तो सब्जियों के भाव कुछ यूं बढ़े जा रहे है जितना भारत में कोरोना। महीने के बजेट में सब मैनेज करती गृहिणियां महंगाई को मैनेज कैसे करें। सब्जियों के बिना घर चलेगा भी कैसे। वह तो एक सबसे ज़रूरी आवश्यकताओं में से एक है।
होलसेल मार्केट में सब्ज़ियों के भाव में 10 से 20 रुपयों की बढ़ोतरी देखी गई है। गर्मी का ज़ोर कम नहीं है मगर यह ज़ोर गर्मी से भी ज़्यादा है। सारी गृहिणियां इस ज़ोर से अपने परिवार और बजेट को बचाने की पूरी कोशिश कर रही है। मगर बजेट भी एक सीमित चीज़ है और इसी तरह सब्जियों के दाम की बढ़ोतरी उनके लिए अच्छे समाचार नहीं है।
इस पर व्यापारियों का कहना है कि गर्मियों कि शुरुआत में ही सब्ज़ियों की आयात कम है और इसी वजह से दाम बढ़े है। और एक कारण यह भी है कि सर्दी की सब्ज़िया अब मार्केट से हट रही है और गर्मियों के खाने और सब्ज़ियां बाज़ार में आ रहे है परन्तु वह उतने नहीं आ रहे की जिससे दामों में घटोटी हो सके। कम आयातों की वजह से दाम बढ़ते ही रहेंगे।
होलसेल मार्केट में बढ़े दामों की बजह से रिटेल बाज़ार भी दाम बढ़ा रहा है। रिटेल भाव वैसे तो जगह जगह अलग होते है। मगर शरेराश देखें तो लगभग हर सब्ज़ी 90 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम हुई है।
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