सत्यखबर, चंडीगढ़: स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने जारी बयान में कहा कि पिछले दिनों में तीसरी बार बरसात से खुले में पड़ी गेहूं भीग गई है। जिसके चलते किसान व आढ़ती को तो नुकसान हुआ ही है । साथ ही यह खाद्य सुरक्षा से जुड़ा मामला भी है। उन्होनें कहा कि सरकार आज 5 मई की दोपहर तक भी कुल 990 लाख क्विंटल गेहूं में से मात्र 447 लाख क्विंटल खरीद पाई है। अभी करीब 46 लाख क्विंटल बिना बिके मंडी में पड़ी है। ऊपर से बड़ी मात्रा में गेहूं का मंडी से उठान नहीं हुआ है। बोरियों में पड़ी हुई गेहूं भी भीग गई है। किसान के घर या मंडी में खुली पड़ी गेहूं बिकने/से पहले भीग गई तो किसान का नुकसान, तोल कर बोरियों में पड़ी भीग गई तो आढ़ती का नुकसान ! उस गेहूं को सुखा कर दुबारा नहीं भरा गया तो खाद्य सुरक्षा का नुकसान है। योगेन्द्र यादव ने कहा कि मौसम की हालत आजकल पहले से जानकारी में होती है। मगर सरकार खरीद व उठान में तेजी लाने या गेहूं को भीगने से बचाने का कोई प्रबन्ध करने की चिंता नहीं कर रही है। बल्कि लम्बी चादर तान कर सो रही है। राजीव गोदारा (अध्यक्ष, स्वराज इंडिया, हरियाणा) ने कहा कि गेहूं भीगने से होने वाले नुकसान के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है। गेहूं 10 दिन पहले ही कट चुकी है। किसानों का अभी गेहूं बेचने के लिए नम्बर भी नहीं आया है। जो मंडी में गेहूं आ गई उसकी पूरी खरीद अब तक नहीं हो पाई है। जो बिक गई व बोरियों में भरी गई है उसका उठान नहीं हुआ है। अब आढ़ती सूखा कर फिर से भरेगा तो खर्चा दोगुना होगा। नहीं भरेगा तो गेहूं खराब। इन हालातों को जानते हुए भी सरकार ने गेहूं को भीगने से बचाने का कोई प्रबन्ध नहीं किया है। सरकार ने गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल या पॉलीथिन का प्रबंध तक नहीं किया। इसलिए सरकार इस नुकसान की जिम्मेवार है।
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