सत्य खबर । चंडीगढ़
बरोदा उपचुनाव हो चुका है कांग्रेस व बीजेपी अपनी-अपनी जीत के दावे प्रस्तुत कर रही है। जीत को लेकर बैकफुट पर दिख रही बीजेपी अब फ्रंट फुट पर आकर जीत का दावा कर रही है। चुनाव परिणाम किसके पक्ष में आते हैं यह तो 10 तारीख को तय होगा लेकिन बरोदा उपचुनाव में दुष्यंत चौटाला भाजपा के लिए संकटमोचक सिद्ध हुए हैं। दुष्यंत चौटाला के दो दिन के दौरे के बाद योगेश्वर दत्त खेमे में रौनक दिखाई दी शायद यही वजह है भाजपा ने मतदान समाप्त होते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीत का दावा किया तो वहीं अगले दिन चंडीगढ़ में इस चुनाव के प्रभारी जयप्रकाश दलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जीत की बात दोहराई।
बरोदा उप चुनाव : अब प्रमुख दलों के नेताओं को 10 नवंबर को आने वाले परिणाम का इंतजार
बरोदा उपचुनाव में दुष्यंत चौटाला भाजपा के लिए संकटमोचक सिद्ध हुए यह हम इसलिए कह रहे हैं की उनके दौरे से पहले भाजपा दबे पांव लड़ाई लड़ रही थी लेकिन दुष्यंत चौटाला की जनसभाओं में जिस प्रकार से भीड़ उमड़ी उससे भाजपा के वर्करों का हौसला बढ़ गया इससे पहले भाजपा के वर्करों के मन में संशय था कि जजपा का कार्यकर्ता भाजपा के साथ नहीं जाएगा। बल्कि अंदाजा यह लगाया जा रहा था कि जजपा का वर्कर पूर्ण रूप से या तो इनेलो पर जाएगा या फिर कांग्रेस पर जाएगा।
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चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिनों में दुष्यंत चौटाला ने अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा को जिताने के लिए कड़े शब्दों में निर्देश दिए थे। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि दुष्यंत चौटाला का असर हुआ और जेजेपी के जो नेता बाहरी तौर पर भाजपा के साथ दिखाई देते थे लेकिन अंदरूनी तौर पर मेहनत नहीं कर रहे थे उनको भी खुलकर मैदान में आना पड़ा। यही वजह रही कि दुष्यंत चौटाला के सभी जनसभाओं में खूब भीड़ दिखाई दी।
चुनाव के नतीजे हालांकि कांग्रेस के पक्ष में दिखाई देते हैं लेकिन इतना तय है कांग्रेस इतने बड़े मार्जन से चुनाव नहीं जीत रही जितना पहले अंदाजा लगाया जा रहा था। दुष्यंत चौटाला के चुनावी दौरे से पहले यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि दुष्यंत चौटाला को बरोदा में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अपनी चुनावी जनसभाओं में दुष्यंत चौटाला कांग्रेस और इनेलो के खिलाफ जमकर बोले।
जिस प्रकार से भाजपा चुनाव परिणामों को लेकर उत्साहित नजर आ रही है अगर ऐसा होता है तो यह भी तय है कि दुष्यंत चौटाला का जो विरोध प्रदेश में दिखाई दे रहा था उसे भी कागजी ही माना जाएगा। वही दुष्यंत चौटाला का भाजपा के साथ गठबंधन भी दिलों के गठबंधन की तस्वीर पेश करेगा। दुष्यंत चौटाला ने तो भाजपा के साथ अपनी यारी ईमानदारी से निभा दी है अब बरोदा की जनता दुष्यंत और खट्टर की यारी को कितना मैंडेट देती है यह तो 10 तारीख को पता चलेगा।
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