सत्य खबर, भिवानी। भिवानी के डाडम में नये साल की सुबह मौत का तांडव देखने को मिला है. यहां डाडम में भूस्खलन होने से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि NDRF, हिसार कैंट की फोर्स सहित भिवानी जिला प्रशासन की टीम राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. जिसके चलते अब तक 6 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. जिनमें से 4 लोग मृत पाये गये हैं. वहीं राहत कार्यों में जुटी टीम अब आसपास के क्षेत्र में लगी पोपलैंड व जेसीबी की मशीनों से घटनास्थल की सफाई करने में जुट गई है. इसी के साथ पूरे क्षेत्र में जारी राहत कार्यों को पूरा होने में 24 घंटे और लगने की संभावना जताई जा रही है.
दरअसल भिवानी के डाडम में नए साल की सुबह हुए भूस्खलन के बाद दूसरे दिन रविवार को भी राहत कार्य लगातार जारी रहा. इसमें अब तक 6 लोगों को निकाला गया है, जिनमें चार लोग मृतक पाए गए हैं. घटनास्थल पर एनडीआरएफ, हिसार कैंट की फोर्स सहित भिवानी जिला प्रशासन की टीम राहत कार्यो में जुटी हुई हैं. जिसके चलते आसपास के क्षेत्र में लगी पोपलैंड व जेसीबी मशीनों से घटना स्थल की मशीनों को साफ किया जा रहा है, ताकि पत्थरों के नीचे दबे लोगों को निकाला जा सकें. हालांकि जिला प्रशासन का मानना है कि मलबे में एक-दो से ज्यादा लोगों के दबे होने की संभावना नहीं है.
ये सूचनाएं भी आ रही है कि पहाड़ से गिरे बड़े पत्थर को प्रशासन ब्लास्ट के माध्यम से हटाने पर भी काम कर सकता है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं इस बारे में भिवानी एसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि जिला प्रशासन की पूरी टीम बाहर से आई हुई टीमों के साथ मिलकर राहत कार्य में लगी हुई है. युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है और कार्य को पूरा होने में अभी 24 घंटे का समय और लग सकता है. अजीत सिंह ने बताया कि पूरे ऑपरेशन को कंप्लीट करने में हमारी टीमें लगातार लगी हुई हैं.कैसे हुआ हादसा?: इस बारे में खानक डाडम क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था. खनन क्षेत्र दोनों तरफ से फोरेस्ट एरिया से घिरा हुआ है. फोरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया, जिसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है. अभी तक 10 लोगों के दबे होने की आशंका हैं. दो व्यक्ति उपचाराधीन हैं. जबकि 4 मजदूरों की मौत हुई है.
भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र के तहत डाडम गांव खनन कार्यों के लिए जाना जाता है. बता दें कि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए लंबे समय से खनन कार्य बंद किया गया था. दो दिन पहले ही विभाग की ओर से खनन की अनुमति मिली थी. दो दिन पहले ही खनन के लिए बिजली विभाग ने पावर सप्लाई शुरू की थी. डाडम एरिया में अरावली की पहाड़ियों में खनन का टेंडर मैसर्स गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है. कंपनी ने वर्ष 2018 में यह टेंडर 10 साल के लिए लिया. जहां हादसा हुआ वो गोवर्धन माइंस कंपनी का काम चल रहा था. जानकारी के मुताबिक हादसे में पीड़ित लोग खनन श्रेत्र में अलग-अलग काम करते थे.
Scrap aluminium exporters Aluminum recycling experts Metal waste repurposing facility
Metal waste recycling facilities Ferrous metal recycling trends Scrap iron reclaiming center
Ferrous metal recovery center, Iron scrap management, Metal reprocessing depot