सत्यखबर दिल्ली (संदीप चौधरी) – पिछली मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जेपी नड्डा को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में हो रही भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में जेपी नड्डा को वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने गुलदस्ते भेंट किए।
मोदी सरकार में अमित शाह के कैबिनेट मंत्री बनने और हिमाचल से अनुराग ठाकुर के राज्यमंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा को भाजपा संगठन का बड़ा ओहदा मिलने की बात हो रही थी। ऐसे में अब नड्डा हिमाचल के पहले नेता बन गए हैं, जो किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष होंगे। इससे हिमाचल की राजनीति के इतिहास में भी एक नया अध्याय जुड़ गया है। वहीं नड्डा की ताजपोशी के बाद बिलासपुर सहित पूरे प्रदेश में जश्न का माहौल है। बिलासपुर में लोग मिठाइयां बांटकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।
नड्डा कई राज्यों में चुनाव प्रभारी रहे
पिछली मोदी सरकार में नड्डा केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे। इस बार मोदी के करीबी नड्डा का केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होने से यह साफ संकेत मिल रहा है कि उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस बारे में पिछले कई दिनों से चर्चा है। इस बार लोकसभा चुनाव में नड्डा यूपी में प्रभारी रहे हैं।
महागठबंधन के बाद यूपी में भाजपा के लिए राहें आसान नहीं मानी जा रही थीं, लेकिन नड्डा वहां लगातार डटे रहे और ग्राउंड स्तर पर कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर यूपी में भाजपा के सिर एकतरफा जीत का सेहरा बांध दिया। यूपी के नतीजों से नड्डा का संगठन में कद और बढ़ गया। इससे पूर्व भी नड्डा कई राज्यों में चुनाव प्रभारी रहे।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अग्रिम पंक्ति में बैठे नड्डा
नरेंद्र मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में भी नड्डा को फर्स्ट रो में पहली सीट पर बैठे। इससे भी उन्हें महत्व देने की बात सामने आई है। इससे पहले नड्डा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने गए नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भी साथ में रहे। इससे उनका पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीब होना दिखता है।
जेपी नड्डा का जन्म 2 दिसंबर, 1960 में ब्राह्मण परिवार में डॉ. नारायण लाल नड्डा के घर हुआ। उनकी शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल पटना में हुई।
पटना कॉलेज और पटना विश्वविद्यालय में बीए और एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की। 1993 में नड्डा पहली बार हिमाचल विधानसभा पहुंचे। 1994 से 1998 तक पार्टी समूह के नेता के रूप में कार्य किया। वर्ष 2008 से 2010 तक नड्डा वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे।
जबकि पूर्व केंद्र सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे। नड्डा 16 साल की उम्र में छात्र राजनीति में उतर गए थे। उस समय बिहार में स्टूडेंट मूवमेंट चरम पर था। 1977 में पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में सचिव चुने गए, जबकि 13 साल विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे।
मंत्री न बनने के चलते नड्डा के घर पर पसर गया था सन्नाटा
मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को जगह न मिलने पर उनके गृह क्षेत्र विजयपुर में मायूसी का आलम छा गया था।
दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह के सीधे प्रसारण पर टकटकी बांधे लोगों को उम्मीद थी कि नड्डा को इस बार भी महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेवारी दी जा सकती है, लेकिन मंत्रिपद की शपथ लेने वालों में वे नजर नहीं आए।
हालांकि मंत्रिमंडल से बाहर होने पर नड्डा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने की चर्चा ने लोगों को उत्साहित भी कर दिया।
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