सत्यखबर,यमुनानगर
लॉकडाउन में केवल आवश्यक व दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकान खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं मंदिर सहित अन्य सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में फूलों की खेती और व्यापार करने वालों को काफी नुकसान हुआ है। जिले में करीब सौ एकड़ में फूलों की खेती की जाती है। जिसकी फसल हर सप्ताह बाजार में बिकती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण बाजार बंद हैं। ऐसे में फूल की फसल खेतों में ही खराब हो रही है। इसी के चलते जिले के किसान ने फसल न बिकने के कारण तैयार गेंदे के फूलों पर ट्रैक्टर चला दिया। यही नहीं जिले के अन्य किसान भी अपनी फूलों की फसल स्वयं नष्ट करने पर मजबूर हो गए हैं।
रादौर क्षेत्र के गांव बकाना निवासी नरेश कुमार करीब दो एकड़ में गेंदा फूल की खेती करते हैं। जिसकी हर सप्ताह फसल तैयार कर बाजार में बेचते थे। नरेश ने बताया कि फसल से हर माह वे डेढ़ से दो लाख रुपये का कारोबार करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण फूल की मांग नहीं है। फूल खरीदने वाले कारोबारियों ने पूर्व में दिए ऑर्डर भी रद्द कर दिए हैं। नरेश ने बताया कि तैयार फसल यदि समय पर न काटी जाए तो इसका पूरी फसल पर असर पड़ता है। फूल तोड़कर एकत्र करने से कोई लाभ नहीं होता। चूंकि फूल तोड़ने में मजदूरों की आवश्यकता होती है। जब फसल बेच नहीं सकते तो फूल तोड़ने का कोई लाभ नहीं था।
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कारोबारियों ने रद्द किए ऑर्डर
नरेश कुमार ने बताया कि एक माह में करीब 45 से 60 रुपये की फसल बिकती है। करीब 5 क्विंटल फूल 7 से 10 दिन में तैयार होता है। जिसे कारोबारियों को बेचा जाता है। एक माह में करीब सवा लाख रुपये की फसल बेचकर आमदनी होती है। लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद हैं। जिस कारण व्यापारियों ने अपने ऑर्डर रद्द कर दिए हैं।
किसान अपनी फसल को लेकर बेहद चिंतित हैं। चूंकि लॉकडाउन बढ़ने पर उसे फिर से नुकसान होगा। प्रशासन की ओर से भी इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। उसे डर है कि उसे कहीं दोबारा अपनी फसल न नष्ट करनी पड़ी। उधर कृषि उपनिदेशक डॉ. जसविंद्र सैनी से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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