सत्यखबर,हिसार
ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार, खांसी, जुकाम के बाद दम तोड़ रहे लोगों ने चिंता में डाल दिया है। हरियाणा के हिसार जिले में रोजाना औसतन 50 से 60 लोगों मौत हो रही है। वहीं हिसार के 11 गांवों में पिछले 20 दिन में 138 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी मौतों के बाद सैंपल भी नहीं लिए जा रहे। ऐसे में महामारी के और फैलने का खतरा है।
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हिसार जिले में कुल 303 गांव हैं। करीब 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रह रही है। इस समय कोरोना के सैंपल केवल शहरों या उपमंडल स्तर के अस्पतालों में चुनिंदा स्थानों पर ही लेने की सुविधा है। गांव में किसी को बुखार, खांसी, जुकाम सहित अन्य लक्षण होने पर लोग बड़े अस्पताल नहीं पहुंचते। ऐसे लोग गांव के ही किसी चिकित्सक या केमिस्ट से दवा लेते हैं।
मरीज की हालत बिगड़ने पर गांव के लोग बड़े अस्पताल जाने के बजाय अपने स्तर पर ही सिलिंडर की व्यवस्था करने में जुट जाते हैं। गांव में किसी की कोरोना संदिग्ध मौत होने पर परिजन भी जांच के लिए आगे नहीं आते। शव की भी कोरोना जांच कराने के बजाय अंतिम संस्कार करा देते हैं।
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ग्रामीणों में इस बात का डर
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में सबसे अधिक डर इस बात का है कि पॉजिटिव मिलने पर उनके मरीज को चिकित्सक घर नहीं जाने देंगे। इसके बाद आइसोलेशन वार्ड में न तो मरीज से मिलने दिया जाएगा और न ही मरने के बाद उनको शव मिलेगा। इन कारणों के चलते ज्यादातर लोग संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं करवा रहे हैं।
हिसार जिले के गाव की स्थिति
शाहपुर गांव में 10 दिन में 18 की मौत
बहबलपुर में 10 दिन में 12 की मौत
खांडा खेड़ी में 8 दिन में 16 की मौत
सिसाय गांव में 10 दिन में 11 की मौत
बालसमंद 10 दिन में 9 की मौत
बुड़ाक गांव में 7 दिन में 5 की मौत
गढ़ी गांव में 6 दिन में 9 की मौत
तलवंडी राणा गांव में 7 दिन में 10 की मौत
खरड़ गांव में 15 दिन में 18 की मौत
तलवंडी बादशाहपुर 20 दिन में 15 की मौत
प्रभुवाला गांव में 14 दिन में 15 की मौत
सिसाय में बहुत कम लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं। जिस मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ जाती है, उस मरीज तक पांच दिन भी दवाई नहीं पहुंचती। घर में क्वारंटीन मरीजों की कोई सुध नहीं ले रहा। मरीज हांसी और हिसार के निजी अस्पतालों में दाखिल होने को मजबूर हो रहे हैं।
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