सत्य खबर, चण्डीगढ़
दिव्यांशु बुद्धिराजा- ये नाम इन दिनों हर हरियाणवी युवा की जुबान पर है। क्योंकि यूथ कांग्रेस चुनावों में बुद्धिराजा ने जो धमाका किया, जिस तरह उन्होंने जीत दर्ज की है, वह पूरे देश में एक रिकॉर्ड है। बुद्धिराजा ने 2 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्जकर प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है। अब तक यूथ कांग्रेस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार ने इतने बड़े मार्जिन से जीत दर्ज नहीं की थी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक बुद्धिराजा को वोटिंग में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद इंटरव्यू की प्रक्रिया को भी पूरा किया। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. और राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलावरू ने सघन साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद दिव्यांशु को अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन का औपचारिक पत्र जारी कर दिया।
ऐसा नहीं है की बुद्धिराजा रातों-रात प्रदेश की युवा राजनीति के सबसे बड़े चेहरे बन गए। दरअसल, इससे पहले भी उनके नाम कई उपलब्धियां है। दिव्यांशु बुद्धि राजा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले एनएसयूआई हरियाणा के अध्यक्ष थे। उससे पहले वह पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र संघ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इस पद को हासिल करने वाले वह हरियाणा के दूसरे छात्र नेता थे।
पंजाब यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष रहते हुए उनके संघर्ष और आंदोलनों की चर्चा आज तक कैंपस में होती है। यूनिवर्सिटी में फैले करप्शन के खिलाफ उन्होंने 7 दिनों की भूख हड़ताल की थी। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन को अलग-अलग महकमों में फैले करप्शन पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी थी।
एनएसयूआई अध्यक्ष रहते हुए भी उन्होंने लगातार छात्रों और युवाओं के मुद्दों पर हुंकार भरना जारी रखा। एक बार तो यूं हुआ कि उन्होंने सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हरियाणा में फैली भयंकर बेरोजगारी पर ऐसे सवाल पूछे कि मुख्यमंत्री सवालों से भाग खड़े हुए। मुख्यमंत्री को दिव्यांशु बुद्धिराजा के सवाल इस कदर चुभे कि उन्होंने दिव्यांशु पर केस दर्ज करवा कर उन्हें जेल भिजवा दिया। लेकिन दिव्यांशु ने बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन जारी रखा।
उन्होंने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन की भर्तियों में भ्रष्टाचार और लेटलतीफी के खिलाफ कई बार जोरदार प्रदर्शन किए। इस वजह से उन्हें चार राजनीतिक मुकदमों का आज तक सामना करना पड़ रहा है।
युवा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने से ठीक पहले उन्होंने प्रदेश में पेपर लीक घोटालों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन का घेराव किया था। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद एकबार फिर बुद्धिराजा ने ऐलान कर दिया है कि वह भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को और तेज करेंगे। जब तक युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले भर्ती आयोगों और सरकार में बैठे दोषियों को उनके किए की सजा नहीं मिलती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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