चंडीगढ़। हरियाणा की यूनिवर्सिटी-कॉलेजों और तकनीकी शिक्षण संस्थाओं (पॉलिटेक्निक) के लिए बड़ी खबर है। अब किसी भी सेमेस्टर की परीक्षा नहीं होगी। अंतिम वर्ष के छात्र भी अन्य सेमेस्टर के छात्रों की तर्ज पर औसत अंकों के आधार पर प्रमोट किए जाएंगे। प्रथम वर्ष के छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अगली कक्षा में भेजा जाएगा। दूरवर्ती शिक्षा और निजी छात्रों पर भी यही फार्मूला लागू होगा। इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिए जाने की खबर है।
पिछले सेमेस्टर और इंटरनल असेसमेंट के औसत अंकों के आधार पर प्रमोट किए जाएंगे सभी छात्र
छात्र संगठनों और सियासी दलों के दबाव में उच्चतर शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग ने अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पहली जुलाई से घोषित परीक्षा रद कर दी है। मंगलवार को महकमे के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों को पिछले सेमेस्टर में मिले 50 फीसद अंक और इंटरनल असेसमेंट में मिले 50 फीसद अंकों के आधार पर पास किया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अंक सुधार के लिए इच्छुक छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। री-अपीयर के छात्रों को भी औसत अंकों के आधार पर पास कर अगली कक्षा में भेजा जाएगा।
स्नातक में विश्वविद्यालय खुद करेंगे दाखिले
निर्देशों के मुताबिक अगर कोई विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा लेना चाहता है तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके लिए सभी मूलभूत संसाधन होने चाहिए और छात्र भी ऑनलाइन परीक्षा में सक्षम हों। प्रेक्टिकल की परीक्षा भी नहीं होगी। पिछली परीक्षा के प्रेक्टिकल में मिले औसत अंक और थ्यूरी परीक्षा में मिले 80 फीसद अंक में जो भी ज्यादा होंगे,विद्यार्थियों को वही अंक दिए जाएंगे। स्नातक स्तर पर सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ऑनलाइन दाखिले करेंगे, जबकि स्नातकोत्तर कक्षाओं के लिए केंद्रीयकृत ऑनलाइन दाखिले होंगे। बता दें कि पहले हरियाणा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए पहली जुलाई से 31 जुलाई तक परीक्षाएं आयोजित करने और सात अगस्त को रिजल्ट घोषित करने का शेड्यूल निर्धारित किया गया था। हालांकि दूसरे राज्यों के अंतिम वर्ष के छात्रों को परीक्षा से छूट दी गई थी जिसके बाद छात्र संगठनों ने कोरोना का हवाला देते हुए परीक्षा नहीं लेने की मांग की थी। सरकार में भागीदार जजपा भी जब इस मुद्दे पर छात्रों के समर्थन में खड़ी हो गई तो शिक्षामंत्री कंवर पाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत कर परीक्षाएं नहीं लेने का निर्देश जारी कर दिया।
हाई कोर्ट में देना है जवाब
अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा लिए जाने के खिलाफ छात्र संगठनों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय और सिरसा के चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। छात्रों का तर्क था कि कक्षा 12वीं के छात्रों को बिना परीक्षा प्रोन्नत करने और स्नातक के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित करने के अलग-अलग निर्णय कैसे ले लिए,जबकि कोरोना का खतरा बरकरार है। परीक्षा लेना तर्कसंगत नहीं है। इसके बाद जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू ने प्रदेश सरकार को 25 जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर रखा है।
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