सत्यखबर,दिल्ली
अपनी शिकायत में एडवोकेट बस्सी ने कहा है कि महामारी के इस दौर में भी बाबा स्वार्थी बने हुए हैं। पहले उन्होंने दावा किया कि कोरोना से बचाव के लिए उन्होंने आयुर्वेदिक दवा तैयार की है। फिर इस दवा को 200 लोगों पर टेस्ट करने का दावा किया और फिर इस बयान से मुकरते हुए कहा कि उन्होंने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर उक इम्युनिटी बूस्टर को तैयार किया है।
अपनी शिकायत में एडवोकेट बस्सी ने कहा कि डॉक्टरों को मूर्ख बोलकर और एलोपैथी को ढाेंग बताकर बाबा ने देश के सभी हेल्थ वर्कर्स का अपमान किया है। बाबा के इस बयान से मेडिकल हेल्थ वर्कर्स का मनोबल टूटा है। मौजूदा समय में हॉस्पिटल्स में एलोपैथी से कोविड-19 मरीजों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इसलिए योग गुरु के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
एडवोकेट बस्सी के मुताबिक रामदेव के बयानों को लेकर उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज होना चाहिए क्योंकि उनके बयानों से लाखों डॉक्टरों और नर्सों का मनोबल गिरा है।
एडवोकेट बस्सी ने बाबा रामदेव पर यह आरोप भी लगाया कि लोगों को मूर्ख बनाकर बाबा सिर्फ अपनी संपत्ति बना रहे हैं। वर्तमान में उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है। वह महामारी की इस घड़ी में भी सिर्फ अपना प्रोपेगेंडा चला रहे हैं और इस बीमारी को लेकर उन्होंने कई बार गलत बयानबाजी भी की है।
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