सत्यखबर
प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स व आश्रितों के लिए कैशलेस मेडिकल योजना तैयार की है। इसे वित्त विभाग से मंजूरी मिल गई है। योजना से करीब 3 लाख कर्मचारियों, 2 लाख पेंशनर्स व उनके 15 लाख आश्रितों को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ मिलेगा। कर्मचारियों के इलाज के लिए 5 लाख रु. की सीमा व 6 बीमारियों की कैटेगरी खत्म कर दी है। अब कोई भी बीमारी हो, कितना भी खर्च लगे, सरकार उठाएगी। 2021-22 के बजट में इसके लिए राशि का प्रावधान किया जाएगा। योजना के कार्ड बनाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आदेश दिए जाएंगे।
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अभी तक ये प्रावधान- अभी तक केवल कर्मचारियों को ही 5 लाख रु. तक के इलाज की सुविधा थी। इसमें कर्मचारियों को सरकारी अस्पताल या पैनल के अस्पताल में इलाज, टेस्ट और दवाई के लिए पहले रुपए जमा कराने होते थे। इसके बिल जमा होने के बाद सरकार उन्हें पैसे वापस देती थी। पहले इसमें केवल 6 गंभीर बीमारियों के ही इलाज की सुविधा थी। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि जुलाई 2019 में पेंशनर्स व आश्रितों को भी योजना में शामिल करने की मांग की थी।
अब कार्ड से कैशलेस इलाज- पैनल में हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ के बड़े प्राइवेट अस्पताल शामिल किए गए हैं। अब कर्मचारियों के साथ पेंशनर्स व उनके आश्रित भी पैनल के अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। इसके साथ ही 5 लाख रुपए सालाना की सीमा भी खत्म कर दी गई है। 6 बीमारियों की कैटेगरी खत्म कर सभी बीमारियों को इसमें शामिल किया है। योजना के कार्ड बनने के बाद कर्मचारियों को पैनल के अस्पतालों में केवल ये कार्ड ही दिखाने होंगे। सीएम ने कैशलेस मेडिकल योजना की कुछ दिन पहले घोषणा की थी।
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