सत्य खबर, इंडिया
सुपरस्टार रजनीकांत ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में रजनीकांत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। कोर्ट ने उन्हें उनका समय बर्बाद न करने के लिए कहा।
रजनीकांत ने लगाया था आरोप:
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने नोटिस भेजकर रजनीकांत को मैरिज हॉल श्रीराघवेंद्र कल्याण मंडपम का 6.5 लाख रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए कहा था। रजनी ने इस मांग को अनुचित बताया था। उन्होंने अपनी याचिका में लिखा था कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते 24 मार्च से उनका मैरिज हॉल बंद है।
https://youtu.be/vH88yNuLIeo
ऐसे में जब कोई कमाई ही नहीं हुई तो टैक्स किस बात का मांगा जा रहा है? रजनी ने यह दावा भी किया था कि इस बारे में उन्होंने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में आवेदन भी दिया था, जिसका कोई जवाब नहीं मिला।
कोर्ट ने क्या जवाब दिया?
कोर्ट ने रजनीकांत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें कोर्ट का वक्त बर्बाद करने की बजाय ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को रिमाइंडर भेजना चाहिए था। इसके बाद सुपरस्टार के वकील ने कोर्ट से केस वापस लेने की इजाजत मांगी।
Aluminium scrap recycling capacity Aluminum scrap sustainability Metal reclaiming