सत्य खबर, जींद
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजस्थान की तर्ज पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का तोहफा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के पास भी इस बजट में कर्मचारियों की मांग मानने का मौका था। लेकिन गठबंधन सरकार ने इसकी पूरी तरह अनदेखी की। यहां तक कि अपने चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा करने वाली जेजेपी ने भी कर्मचारियों के हक में आवाज उठाना मुनासिब नहीं समझा।
हुड्डा ने एक बार फिर ऐलान किया कि कांग्रेस सरकार पर ओपीएस की मांग मानने का दबाव बनाएगी। फिर भी अगर मौजूदा सरकार ने ऐसा नहीं किया तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाएगा। हुड्डा आज जींद में लेखक रामफल सिंह खटकड़ द्वारा लिखी गई ‘दादा हरद्वारी सिंह श्योकंद और उनका रचना संसार’ पुस्तक का विमोचन करने पहुंचे थे। साथ में वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह भी साथ मौजूद रहे। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ने जिले के कई सामाजिक कार्यक्रमों में भी शिरकत की।
इसके बाद जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महिला दिवस पर पेश किए गए बजट में सरकार ने तमाम वर्गों के साथ महिलाओं तक की अनदेखी की। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहीं आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स तक की मांगों को मानने से सरकार ने इंकार कर दिया। पूरे बजट में कोरी भाषण बाजी और भ्रामक आंकड़ों के अलावा कुछ नहीं था। अपनी आदत के मुताबिक सरकार द्वारा झूठी घोषणाएं की गईं, जिन्हें पूरा करने में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद से लगातार बीजेपी हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान करती आई है। लेकिन अपने पूरे कार्यकाल में इस सरकार द्वारा कोई भी मेडिकल कॉलेज प्रदेश में नहीं बनवाया गया। मेडिकल कॉलेज के नाम पर कुछ जिलों में सिर्फ खाली जमीन के सामने बोर्ड लगा दिए गए हैं। सरकार ने इस बजट में 4 और कॉलेज बनाने का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि सरकार प्रदेश में 4 नए बोर्ड लगाने का ऐलान किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बजट से किसानों और बुजुर्गों को भी निराशा ही हाथ लगी है। 2022 में पेश हुए बजट में किसानों की आय डबल करने का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया। ना ही सरकार ने इसबार बुढ़ापा पेंशन में कोई बढ़ोतरी की।
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बजट की सबसे बढ़ी खामी यह भी रही कि इसमें देश की सर्वाधिक बेरोजगारी व महंगाई का सामने करने की क्षमता नहीं है। ना इसमें रोजगार सृजन का कोई रोडमैप नजर आया और ना ही महंगाई पर नकेल करने के प्रावधान जोड़े गए। अगर सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों से प्रदेश की जनता को थोड़ी राहत देना चाहती है तो उसे वैट की दरों को कम करके कांग्रेस के स्तर पर लाना चाहिए।
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