सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आज के युग में रामलीला भारतीय सभ्यता और संस्कृति की संवाहक है। ये शब्द समाजसेवी तेजवंत गोयल ने हुड्डा गारंड में श्री रामा भरतीय कला केंद्र के तत्वाधान मेंं चल रही रामलीला के तीसरे दिन मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करते हुए कहे। मंचन के प्रमुख प्रसंगों में विश्वामित्र द्वारा दशरथ से राम-लक्ष्मण को मांगना, यज्ञ की रक्षा, ताडका-सुबाहु वध, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर का निमंत्रण व राम द्वारा शिव का धनुष तोडऩा रहा। मंचन में राम द्वारा सुबाहु का वध मुख्य पात्र रहा तथा मारिच युद्ध छोड़ कर भाग जाता है।। तत्पश्चात राजा जनक के निमंत्रण पर विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को सीता के स्वयंवर मे ले जाते हैं। राजा जनक ने शिव के धनुष को तोडऩे की शर्त रखी थी। प्रभु राम ने पल भर में ही प्रत्यंचा चढ़ा कर स्वयंवर जीत लिया। सभी और से फूलो की वर्षा हुई। अभिनय में मेहरचंद पुजारी का अभिनय लाजवाब रहा। ताड़का की भूमिका मे सुरेश धींगडा ने दर्शको़ को लोट पोट कर दिया। रामलीला मेें राम, लक्ष्मण, ताड़का के सशक्त अभिनय से रंगमंच जीवंत हो उठा। इस अवसर पर भारत भूषण गर्ग, अचल मित्तल, लक्ष्मण देव आर्य, सोनू जैन, राजेश, मधुर जैन, सतीश मित्तल, संजय रोहिल्ला, राकेश सेतिया आदि मौजूद रहे।
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