सत्यखबर, नई दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट में एक रेप केस की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट अनु नरूला ने फिल्म पिंक का डायलॉग नो मीन्स नो का हवाला दिया। तापसी पन्नू अभिनीत फिल्म पिंक में अमिताभ बच्चन का यह डायलॉग एक रेप के मामले में सहमति पर बहस करते हुए किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में शिकायतकर्ता के वकील अनु नरूला ने बलात्कार में सहमति के संबंध में तर्क देते हुए बॉलीबुड फिल्म पिंक का डायलॉग नो मीन्स नो का हवाला देते हुए कहा कि तीन बार शिकायतकर्ता उसके साथ रिलेशनशिप में थी। यह बात शिकायतकर्ता मानती है। अगर वह झूठ बोलना चाहती तो वह बोल सकती थी। नो मीन्स नो होता है चाहे महिला ने अपने साथी के साथ दस बार संबंध बनाया हो, अगर वह 11वीं बार संबंध नहीं बनाना चाहती है तो यह उसकी मर्जी है।
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हालांकि इसके बाद न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने आदेश दिया कि आरोपी को जमानत दे दी जाए। अदालत का विचार था कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच आपसी सहमति से संबंध थे। जिसमें शादी न होने के कारण खटास आ गया। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों ही पहले से शादी शुदा थे और दोनों के अपने-अपने बच्चे भी हैं। इस आरोप से पहले आरोपी और शिकायतकर्ता के 10 साल लंबे संबंध में रह चुके हैं। जिसके बाद उन्होंने अलग-अलग शादी कर ली और शिकायतकर्ता ने अब इस स्थिति का फ ायदा उठाया है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर आज ही सुनवाई करते हुए आरोपी को जमानत देने का फैसला लिया। कोर्ट की कार्यवाही के अंत में शिकायतकर्ता के वकील अनु नरूला ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मैं बॉलीवुड का प्रशंसक हूं इसलिए मैं पिंक फिल्म देखने की सलाह देता हूं। वहीं अदालत में वकील की इस दलील के बाद मामला अदालत के बाहर भी चर्चा का विषय बन गया।
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