सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
लॉक डाउन ने सबसे अधिक जिनको तोड़ा है, वे प्रवासी मजदूर हैं। यह बात दी उझाना को.ओ. अपेक्स बैंक के उप प्रधान व युवा समाजसेवी विजय धीमान ने प्रवासी मजदूरों की व्यथा बताते हुए कही। धीमान ने कहा कि हम जब अपने जिस आशियाने में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं, उसी आशियाने तक पहुंचने के लिए वे प्रवासी मजदूर कई-कई किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। इतना ही नहीं बहुतों ने तो इस तक पहुंचने के लिए अपनी जान भी गंवा दी है। इसके अतिरिक्त उनमें से हजारों अभी भी इसी आस में बैठे हैं कि कब किसी तरह हम अपने बच्चों के साथ वहां पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि इस समाज की त्रासदी तो देखिए कि जहां कहीं, जिस भी मालिक के पास ये मजदूर काम कर रहे थे, सभी ने स्वार्थवश उन्हें बीच मझदार में छोड़ दिया। वे अपने घर जाएं तो वो कोसों दूर, यहीं रहें तो क्या खाएं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जहां कहीं भी ये प्रवासी मजदूर भटकते हुए मिलें तो उनका कोई ना कोई सहयोग करें और उनको अपने घर पहुंचाने में मदद करें। क्योंकि प्रवासी मजदूरों के मुकाबले हम बड़े सौभाग्यशाली हैं कि सपरिवार अपने घर में स्वस्थ हैं और हमें दो टाइम का भोजन मिल रहा है।
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