सत्य खबर, जम्मू । ‘द कश्मीर फाइल्स’ देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ के करीब सवा तीन लाख जवानों और अधिकारियों को यह फिल्म दिखाई जाएगी। गुरुवार को सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह ने कहा, राष्ट्र से जुड़ी एक ऐसी फिल्म, जिससे लोगों में उत्साह पैदा होता है, वह देखी जानी चाहिए। इससे किसी गंभीर विषय को लेकर लोगों में संजीदगी का माहौल बनता है। उन्हें एक अतीत के सच की जानकारी मिलती है, इसलिए जवानों को ये मूवी दिखाने का प्रयास करेंगे। चूंकि सीआरपीएफ उत्तर पूर्व, नक्सल एरिया और जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात है, इसलिए सभी जवान इस मूवी को कैसे देख पाएं, इस बाबत कोई उपयुक्त मेकेनिज्म तैयार कर रहे हैं।
डीजी कुलदीप सिंह ने ‘सीआरपीएफ डे’ की पूर्व संध्या पर सीजीओ कांप्लेक्स स्थित बल मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही है। बल के महानिदेशक ने कहा, जिस मूवी से बल का उत्साहवर्धन होता है, वह देखी जानी चाहिए। सीनियर अफसरों के साथ बैठक कर मेकेनिज्म तैयार किया जा रहा है। एक अन्य सवाल में कुलदीप सिंह ने कहा, घाटी में सीआरपीएफ के कुछ कैंप कश्मीरी पंडितों के घरों में स्थित हैं। इस बात को सीआरपीएफ स्वीकार करती है। तीन मंदिर परिसरों में भी सीआरपीएफ कैंप चल रहे हैं। कश्मीरी पंडित अब वापस अपने घरों में आ सकते हैं। वे जैसे ही अपने घरों में आएंगे, सीआरपीएफ कैंप हटा लिए जाएंगे। अगर वे यहां आने से पहले यह कहते हैं कि उनके घर परिसरों को खाली कर दिया जाए तो वह भी अविलंब कर देंगे।
इस बार सीआरपीएफ डे जम्मू में मनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह परेड की सलामी लेंगें। डीजी कुलदीप सिंह ने कहा, पांच राज्यों में हुए चुनाव के दौरान कुल 41 वीआईपी लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। चुनाव के बाद 27 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली गई है। सीआरपीएफ ने एक मार्च 2021 से लेकर 16 मार्च 2022 तक जम्मू कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सल क्षेत्र में 195 आतंकी व माओवादी मारे हैं। 1743 आतंकियों और माओवादियों को पकड़ा गया है।
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