सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात सभी विद्यार्थियों के सामने संकाय चयन का प्रश्न खड़ा हो जाता है। ऐसे में विद्यार्थी के भ्रमित होने की संभावना रहती है। उचित मार्गदर्शन से विद्यार्थियो की इस समस्या का हल आसानी से किया जा सकता है। ये विचार आर्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या उषा मित्तल ने व्यक्त किये। उनके अनुसार प्रत्येक विद्यार्थी एक अलग इकाई है। उसकी अपनी अलग बौद्धिक क्षमता व रुचियां हैं। अगर छात्र को अपनी रूचि के अनुसार विषय चयन में स्वतंत्रता प्रदान की जाती है तो उसके सर्वांगीण विकास की संभावना सबसे अधिक रहती है। इसके विपरीत यदि उस पर चीजे थोपीं जाती है तो उसमें अवसाद उत्पन्न हो जाता है,जो कईं प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों का कारण बनता है। इसलिए विद्यार्थियों को यह हिदायत दी जाती है कि वे संकाय व विषय चयन अपनी रूचि व क्षमता के अनुसार करें। आर्य कन्या महाविद्यालय में इसके लिए मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। जिसमें विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता शामिल हैं। विद्यार्थी संजय भारद्वाज, अंजना मेहता, मुकेश रापडिया, उर्मिल मित्तल, गरिमा दुआ, इंदू वधवा से विषय चयन में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
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