कहा-किसान, आढ़ती और मजदूर केे गठजोड़ को तोडऩेे का षडयंत्र रच रही है प्रदेश
सत्यखबर, जींद: अखिल भारतीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि हरियाणा की जजपा-भाजपा सरकार लगातार तीसरे दिन गेंहू खरीद मामले में फेल साबित हुई है। सरकार पर नीति और नीयत में खोट होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने
सरकार को सुझाव भी दिया कि वे गेंहू खरीद की पुरानी पद्धति को बहाल करे। इससेे भी आगे एक कदम बढ़ाते हुए आढ़ती को ही फसल खरीद का जिम्मा सौंप दे तो सोशल डिस्टेंसिंग में भी इजाफा होगा। जिले की नरवाना, उचाना व जींद की अनाज मंडियों में बुधवार को दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत मेंं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेेश की 99 प्रतिशत मंंडियों में आज किसान व मजदूर बेहाल है। सरकार अपनी हठधर्मिता केे कारण आढ़ती, किसान और मजदूर को तोडऩे का षडय़ंत्र रच रही हैे। कांग्रेस इस षडयंत्र को कभी कामयाब नहीं होने देगी। कांग्रेस पार्टी व्यापारी, किसान व मजदूर की तकलीफ के साथ खड़ी है। उन्होंनेे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर को खुली चुनौती देतेे हुए कहा कि वे एक बार प्रदेश की मंडियों का ही नहीं विशेषकर जींद जिले की अनाज मंंडियों का दौरा कर देख लें कि जिस किसान मजदूर व व्यापारी ने उन्हें अर्श पर पहुंचाया था वो कितना दुखी हैे। उन्होंने एक तरह से
भविष्यवाणी की यदि वर्षों पुरानेे इस गठजोड़ को तोडऩे का षडयंत्र किया तो ये तीनोंं ही शीघ्र इस सरकार के कर्ताधर्ताओं को फर्श पर ला पटकेंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल सरकार के पास गेंहू खरीदने के पैसे ही नहीं है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपया फूड कारपोरेशन आफ इंडिया का काट दियाहै। गलत नीतियां लागू कर सरकार गेंहू खरीद से आनाकानी कर रही है। हरियाणा का किसान फसल गेहूं की खरीद न हो पाने से बेहद निराश और हताश है, यदि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला कटाई के 20 दिन बाद भी गेहूं की खरीद सुनिश्चित नहीं कर सकते तो उन्हें अपने पदों पर बने रहना का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। जींद की अनाज मंडी में सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को समझना चाहिए की यह समय अहंकार की लड़ाई और हठधर्मिता का नहीं है। सरकार अपने घमंड में इतनी चूर है कि वह विपक्ष के सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। आज प्रदेश का किसान खून के आसूं रो रहा है। दूसरी ओर सरकार में बैठे बड़े मंत्री और अधिकारी बेपरवाह अपने एसी कमरों में आराम फरमा रहे हैं, जो किसी भी लोकतंत्र में कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लडऩा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, ऐसे में प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को अपना घमंड त्यागकर किसानों, आढ़तियों व मजदूरों के सालों पुराने रिश्ते में दरार डालने की बजाए, आढतियों की मांग मानते हुए गेहूं व सरसों की सुचारू खरीद सुनिश्चित करवाना चाहिए था। सभी जानते हैं की आज के हालात में बिना आढ़तियों के गेहूं की खरीद संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार सत्ता के गरूर में इतनी चूर है कि आढ़तियों व किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि पहले से ही गेहूं की खरीद 20 दिन लेट हो चुकी है और अब तीन दिन से भी सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद गेहूं की खरीद नहीं हो पाई है। यही नहीं, सरसों की खरीद भी रूकी हुई है और मंडियां खाली पड़ी हैं तथा आढ़ती पीपे बजा बजाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए केवल व केवल प्रदेश सरकार की गलत नीतियां ही जिम्मेदार हैं।
Aluminium recycling economic impact Aluminium scrap salvage Scrap metal value optimization
Metal waste refabrication Ferrous waste recycling center Iron salvage operations
Ferrous material facility optimization, Iron scrap recovery solutions, Scrap metal recycling services