सत्य खबर
वीकेंड यानि शुक्रवार, शनिवार और रविवाार को होते हैं.गुरुग्राम में अधिकतर एक्सीडेंट डीएलएफ, एमजी रोड, सेक्टर-29 वो इलाके जहां सबसे ज्यादा होते है. हादसे गुरुग्राम पुलिस भी लगातार करती है लोगों के चालान साल 2019 में पुलिस ने 4067 लोगों को शराब पीकर वाहन चलाते हुए पकड़ा. 2020 में अब तक गुरुग्राम मात्र 442 ड्रंक एंड ड्राइव के किए चालान पुलिस ने कोरोना के चलते ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में आई भारी गिरावट लॉकडाउन के कारण गुरुग्राम में पब और बार भी थे बंद
सड़क हादसों में हर रोज कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. सड़क हादसों के कई कारण होते हैं- कभी तेज रफ्तार, कभी आगे निकलने की होड़, कभी लापरवाही तो कभी सड़क पर अचानक किसी जानवर का आ जाना. सड़क हादसों का एक और कारण है जिसमें साफतौर पर इंसान की ही लापरवाही होती है, वो कारण है ड्रंक एंड ड्राइव यानि शराब का सेवन करके वाहन चलाना…साइबर सिटी गुरुग्राम जैसे शहरों में तो शराब पीकर गाड़ी चलाना फैशन बनता जा रहा है. दरअसल, गुरुग्राम में कई सारे पब और बार हैं, और वीकेंड के दौरान पूरे दिल्ली एनसीआर से लोग यहां नाइटआउट और नाइट लाइफ इंजॉय करने आते हैं. ये लोग नशे की हालात में इन क्लब से निकलकर अपनी गाड़ियों को तेज़ रफ़्तार से चलाते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं.
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साइबर सिटी गुरुग्राम में अधिकतर एक्सीडेंट वीकेंड (यानि शुक्रवार, शनिवार और रविवाार) को होते हैं. गुरुग्राम के कुछ इलाकों में ड्रंक एंड ड्राइव के सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. डीएलएफ, एमजी रोड, सेक्टर-29 वो इलाके हैं जहां इस तरह के सबसे ज्यादा हादसे होते हैं क्योंकि यहां सबसे ज्यादा पब और बार हैं.।गुरुग्राम में साल 2019 में पुलिस ने 4067 लोगों को शराब पीकर वाहन चलाते हुए पकड़ा था. जिनके ना सिर्फ भारी-भरकम चालान किए गए बल्कि कई गाड़ियों को तो इंपाउंड तक किया गया था. वहीं मौजूदा साल यानि 2020 में अब तक गुरुग्राम पुलिस ने 442 ड्रंक एंड ड्राइव के चालान किए हैं. इस साल कोरोना के चलते ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में भारी गिरावट आई है क्योंकि लॉकडाउन के कारण पब और बार भी बंद थे.ड्रंक एंड ड्राइव मामलों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस जरूर वाहन चालकों की जांच करती है, लेकिन फिर भी हादसों में ज्यादा कमी नहीं आ रही.
वहीं ड्रंक एंड ड्राइव के हादसों पर रोकथाम के लिए और क्या कदम उठाए जाएं इसको लेकर हमने रोड सेफ्टी एक्सपर्ट मोहित शर्मा से भी बात की जिन्होंने ऐसे हादसों पर रोकथाम के कई उपाय बताए.।गुरुग्राम पुलिस को एमजी रोड, सेक्टर-29 जैसे इलाकों में ज्यादा नाके लगाकर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए. जिससे शराब पीकर आ रहे वाहन चालकों को गुरुग्राम पुलिस पकड़ सके.।वही एक्साइज विभाग को गुरुग्राम में चल रहे पब-बार संचालकों को सख्त निर्देश देने होंगे कि वे समय से ज्यादा पब-बार ना खोलें क्योंकि अधिकतर रात के 3 बजे तक पब-बार चलते हैं.।ड्रंक एंड ड्राइव के तहत होने वाले चालानों के जुर्माने को और बढ़ाया जाए, और साथ ही ज्यादा सजा का प्रावधान किया जाए.
ये विडम्बनापूर्ण है कि हर रोज ऐसी दुर्घटनाओं और उनके भयानक नतीजों की खबरें आम होने के बावजूद भी बाकी वाहन चालक इससे कोई सबक नहीं लेते. सड़क पर दौड़ती गाड़ी मामूली गलती से ना केवल दूसरों की जान ले सकती है बल्कि खुद चालक और उसमें बैठे लोगों की जिंदगी भी खत्म हो सकती है ।फिलहाल तो लगता है कि सड़कों पर बेलगाम और शराब पीकर गाड़ी चलाना कुछ लोगों के लिए मौज-मस्ती और शौक का मामला होता है, लेकिन आखिर ये कैसी मौज-मस्ती है जो कई जिन्दगियां तबाह कर देती है. बहरहाल हम लोगों से यही अपील करते हैं कि शराब पीकर या किसी और नशे का सेवन करके का वाहन ना चलाएं, और हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें.।वही एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 3 साल में भारत में ड्रंक एंड ड्राइव से 38,000 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. एक बार एक जज ने ड्रंक एंड ड्राइव के मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि नशे की हालात में कार चलाने वाला शख्स सुसाइड बॉम्बर की तरह ही होता है ।
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