सफीदों, महाबीर मित्तल
नगर की पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया। इस पूजा में नगर के काफी तादाद में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस पूजा में दुर्गा मंदिर के पुजारी महेश शर्मा का सानिध्य प्राप्त हुआ। पं. महेश शर्मा ने श्रद्धालुओं की मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करवाई तथा दुर्गा स्त्रोत का पाठ करवाया। मां के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने देवी मां के चरणों में पुष्प अर्पित किए तथा माथा टेक कर मन्नत भी मांगी। इस दौरान मंदिर परिसर में बज रहे भक्ति से सराबोर गीतों से समूचा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। अपने संबोधन में पं. महेश शर्मा ने कहा कि दुर्गापूजा अनीति, अत्याचार तथा बुरी शक्तियों के नाश का प्रतीक स्वरूप है। मां दुर्गा इस ने महिषासुर नमक असुर का संहार किया था जोकिभगवान का वरदान पाकर काफी शक्तिशाली हो गया था और आतंक मचा रखा था। रामायण में कहा गया है की भगवान राम ने दस सर वाले रावण का वध इसी दिन किया था, जिसे बुराई पर अच्छाई की जित हुयी थी। इस पर्व को शक्ति का पर्व कहा जाता है। देवी दुर्गा की नवरात्र में पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्होंने 10 दिन और रात के युद्ध के बाद महिषासुर नाम के राक्षस को मारा था। उनके दस हाथ है, जिसमें सभी हाथों में विभिन्न हथियार हैं। देवी दुर्गा के कारण लोगों को उस असुर से राहत मिली, जिसके कारण लोग उनकी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। इस त्योहार पर देवी दुर्गा की पूरे नौ दिनों तक पूजा की जाती है। इस दौरान देवी दुर्गा आशीर्वाद देने के लिए श्रद्धालुओं के घरों में जाती है। माता की पूजा करने से आनंद, समृद्धि, अंधकार का नाश और बुरी शक्तियों हटती है।
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