सत्यखबर, सोनीपत
पिछले करीब सात महीने से चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने की सरकार की साजिश एक बार फिर विफल हो गयी है। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि सरकार का विरोध कर रहे किसानों को बदनाम करने की कोशिश करने की बजाय उसे किसानों की जायज मांगों को पूरा करना चाहिए और साबित करना चाहिए कि भारत अभी भी एक जीवंत लोकतंत्र देश है।
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गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कल रात जारी विशेष बुलेटिन में बताया गया था कि चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने की बीजेपी और उसके समर्थकों की कोशिशें तेज होती जा रही हैं। प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है, हालांकि उनकी विफ ल रणनीति का फिर से विफल होना तय है।
उन्होंने कहा कि सत्याग्रह किसानों का मार्ग है और कृषि कानूनों पर उनकी समझ ,उनके विश्लेषण के सत्य के साथ-साथ उनकी आशा, शांति और दृढ़ता सुनिश्चित करेगी कि इस संघर्ष में अंतत: जीत उनकी है। वहीं कसार गांव के मुकेश द्वारा आत्महत्या के दुर्भाग्यपूर्ण मामले को बीजेपी सरकार के साथ-साथ मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा भी भुनाया जा रहा है। यह इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में भी प्रतीत होता है।
बताया जा रहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की थी और विरोध स्थलों पर अनुचित घटनाओं और बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति के आधार पर कुछ कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि इस तरह के बदनाम करने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी है। वे पूर्व में बार-बार विफल हुए हैं, और अब भी विफल होंगे। वहीं एसकेएम ने कहा कि किसान जो मांग रहे हैं, उनके आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जाए और यह सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र में, यह अपेक्षा रहती है कि सरकार उनकी जायज मांगों को स्वीकार करे। लेकिन बीजेपी सरकार ऐसा करने के बजाय, इसे अनावश्यक रूप से इस उम्मीद के साथ बदनाम कर रही है कि आंदोलन नष्ट हो जाएगा। ऐसा नहीं होने वाला है।
काफी संख्या में किसान विरोध स्थलों पर पहुंच रहे हैं और प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ रही है। उत्तराखंड के जसपुर से सैकड़ों किसान कल गाजीपुर बार्डर पहुंचे। बीकेयू टिकैत के नेतृत्व में पदयात्रियों का एक बड़ा दल आज पांच दिन की पैदल यात्रा कर गाजीपुर सीमा पर पहुंचा है। पत्रकार वार्ता में गुरनाम सिंह चडूनी,बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ.दर्शन पाल, हन्नान मुल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंद्र सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा कक्काजी, युद्धवीर सिंह व योगेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
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