सत्य खबर, दिल्ली
साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया रेप कांड में दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका पर आज पर चीफ जस्टिस बोबडे, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच सुनवाई करेगी. याचिका में अक्षय सिंह चार दोषियों में से एक है जिसने फांसी की सजा पर फिर पुनर्विचार करने की याचिका दी है. इससे पहले 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में तीन दोषियों मुकेश, विनय और पवन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार अर्जी में कई अजीबोगरीब दलीलें भी दी हैं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है. यहां का पानी जहरीला हो चुका है और ऐसे में जब खराब हवा और पानी के चलते उम्र पहले से ही कम से कम होती जा रही है फिर फांसी की सजा की जरूरत क्या है.
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अक्षय कुमार यही नहीं रुके हे. दायर पुनर्विचार अर्जी में वेद पुराण और उपनिषद में लोगों की हजारों साल तक जीने का हवाला दिया गया है. अर्जी में कहा गया है इन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक सतयुग में लोग हजारों साल तक जीते थे. त्रेता युग में भी एक एक आदमी हज़ार साल तक जीता था लेकिन अब कलयुग में आदमी की उम्र 50-60 से साल तक सीमित रह गई है. बहुत कम लोग 80-90 साल की उम्र तक पहुंच पाते हैं. जब कोई व्यक्ति जीवन की कड़वी सच्चाई और विपरीत परिस्थितियों से गुजरता है तो वो एक लाश से बेहतर और कुछ नहीं होता.
अभ देखना ये हे की ये तर्कों से कब तक अक्षय अपने आप को बचा पाएंगे, और न्याय तंत्र कभ तक उससे फांसी के फंदे तक पहोचा सकता हे
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