सफीदों, महाबीर मित्तल
सफीदों से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग में पढऩे वाली छात्रा एवं कलाकार साक्षी वर्मा ने पेंटिंग में सफलता के झंडे गाड़कर सफीदों का नाम पूरे प्रदेश में नाम रोशन किया है। साक्षी वर्मा की इस उपलब्धि पर पूरे सफीदों इलाके के लोगों, परिजनों एवं पेंटिंग कला प्रेमियों में खुशी की लहर है। बता दें कि साक्षी वर्मा प्रदेश में अनेक स्थानों पर पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन कर चुकी है तथा लोगों ने उनकी कला को जमकर सराहा हैं। साक्षी वर्मा के चित्र अत्यंत आकर्षक होने के साथ साथ विचारोत्तेजक भी होते हैं। साक्षी ने अपनी कलात्मक सृजनात्मकता को कैंपेन, मैनिपुलेशन सीरीज, फोटोग्राफी सीरीज, इंस्टॉलेशन, मैनुअल पोस्टर, वाटर कलर पेंटिंग के द्वारा व्यक्त किया है। साक्षी ने विश्व हिंदू परिषद के लिए एक डॉनेशन कैंपेन भी बनया जिसमें उसने यूथ को अपने धर्म के प्रति पॉजिटिव सोच रखने का मेसेज दिया। बॉडी पॉजिटिविटी और मेंटल हेल्थ शीर्षक के कैंपेन में वह डिजिटल मैनिपुलेशन द्वारा एक गंभीर समकालीन विषय को प्रस्तुत करती है। साक्षी ने अपने स्वयं का स्वरूप मैनिपुलेशन सीरीज सेल्फ इमैजिनेटिव में दिखाया है। द विलेज आई रिमेंबर फोटोग्राफी सीरीज में प्रदर्शित द मंगो मैन नामक फोटोग्राफ ने सब दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। साक्षी अपनी कलाकृतियों में युवा पीढ़ी की धर्म विमुखता पर कटाक्ष करती हैं। साक्षी प्रतीकात्मकता का भी प्रचुरता से प्रयोग करती है, कौवे को नकारात्मकता दिखाने के लिए, वही अपनी इंस्टॉलेशन में लाल रंग के दुपट्टे से वह द्रोपदी को चरितार्थ करती है। हाल ही में साक्षी वर्मा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आर्ट गैलरी में एकल प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. हुकम सिंह, आईटी सेल के चेयरमैन डा. सुनील ढींगरा, जिला प्रचारक कुलदीप केसरी, जिला सह संयोजक डा. राजेश, विश्व हिंदू परिषद कुरुक्षेत्र के जिला मंत्री अजय ने अवलोकन किया तथा प्रदर्शित समस्त कलाकृतियों की सराहना की। इस प्रदर्शनी में साक्षी वर्मा को यूनिवर्सिटी की तरफ से अप्रिशिएशन लेटर भी दिया। साक्षी वर्मा के पिता तरूण वर्मा भी अपनी बेटी की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे है। तरूण वर्मा का कहना है कि पेंटिंग में उनकी बेटी साक्षी ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वे साक्षी को इस क्षेत्र में जितना बढ़ पाएगा उसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने अपनी बेटी साक्षी को बेटों से कमतर नहीं समझा है तथा वह दिन दूर नहीं जब वह एक दिन विशेष मुकाम को हासिल करेगी।
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