अस्पताल में ना डाक्टर मिला, ना नर्स मिली और ना ही कोई स्टाफ
फोन करने के बावजूद एंबूलेंस भी समय पर नहीं पहुंची
परिजनों व ग्रामीणों में कंडम स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर रोष
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: उपमंडल सफीदों के सबसे बड़े गांव मुआना में मानवता उस वक्त तार-तार हुई तब एक गर्भवती महिला को डिलिवरी केलिए गांव के स्वास्थ्य केंद्र में ना तो कोई डाक्टर मिला, ना नर्स मिली और ना ही कोई स्टाफ मिला। ओर तो ओर फोन करने के बावजूद एंबूलेंस तक समय पर नहीं पहुंचख्ी। परिणाम यह रहा कि गर्भवती महिला अस्पताल के बैंच पर 3 घंटे दर्द से तडफते हुए जिंदगी और मौत से जुझती रही। आखिकार बैंच पर ही महिला की डिलीवरी हो गई और पैदा हुए बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर करीब एक बजे मुआना गांव निवासी कुलदीप की पत्नी कृष्णा को प्रसव की तकलीफ हुई। आनन-फानन में तेज प्रसव दर्द के बीच कुलदीप अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया। जब वे वहां पर पहुंचे तो वहां पर ना तो कोई डॉक्टरख्, ना नर्स और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी मिला। वहां पर केवल दो सफाई कर्मचारी मिले। उनसे सफाई कर्मियों से नर्स का नंबर लेकर उसे फोन मिलाया तो नर्स ने कहा कि उनके पास सोमवार दोपहर 2 बजे तक कोई समय नहीं है। उसके बाद एंबूलेंस को फोन किया तो वह भी समय से मौके पर नहीं पहुंची। गर्भवती महिला को अस्पताल के बैंच पर लिटाया गया और वह प्रसव दर्द से करीब 3 घंटे तक तडफ़ती रही लेकिन अस्पताल में कोई स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी नहीं पहुंचा। आखिरकार 3 घंटों की जद्दोजहद के बाद महिला ने बैंच पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और कुछ ही देर में पैदा हुए बच्चे की मौत हो गई। करीब 3 बजे महिला को उप स्वास्थ्य केंद्र मुआना से सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाकर भर्ती करवाया गया।
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इसी दौरान मुआना गांव से पीडि़त परिवार के लोग व काफी तादाद में ग्रामीण सफीदों के नागरिक अस्पताल पहुंच गए। परिवार व ग्रामीणों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काफी रोष व्याप्त था। परिवार के लोगों का आरोप था कि उप स्वास्थ्य केंद्र मुआना के डाक्टरों व स्वास्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनके नवजात बच्चे की जान गई है और बच्चे की मां जिंदगी और मौत से जूझ रही है। अगर मौके पर डाक्टर होते तो उनके बच्चे की जान बच सकती थी। लापरवाही के कारण ही उनकी जच्चा की हालत गंभीर बनी हुई है। डाक्टर परिवार की सरकार व प्रशासन से मांग थी कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों, नर्सों व स्टाफ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि गांव मुआना जिला जींद का सबसे बड़ा गांव जरूर है लेकिन इस गांव में कोई सुविधा नहीं है। गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र नाम का है ना तो वहां पर डाक्टर आते है और ना ही स्वास्थ्य कर्मी। ग्रामीणों का कहना था सरकार हर गांव में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग की कि गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाए, बढिय़ा डाक्टरों व स्टाफ की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही इस घटनाक्रम के पीछे दोषी है उसे खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए। वहीं सीएमओ जींद डा. मनजीत का कहना है कि इस मामले की जांच करवाकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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