सत्यखबर सफीदों
बीती 5 जुलाई की रात में बारिश के साथ आए भारी तूफान में गिरे हजारों पेड़ों में अनेक पेड़ आज दस दिन बाद भी सडक़ों पर हैं जबकि बड़ी सं या में किसानों ने गिरे पेड़ों को खेतों से हटाकर सडक़ के किनारे लगाया है। ऐसे में सुनसान में पड़े करोड़ों की वन संपत्ति की निगरानी से स्थानीय वन अमला जूझ रहा है।
वन विभाग के प्रधान मु य वन संरक्षक एवं हरियाणा वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक आई.एफ.एस. अधिकारी डा. जगदीप चंद्र ने उपमंडल के गांव मुआना से रोहढ़, मुआना से रिटौली, सफीदों से सिंघाना व डिडवाड़ा से मलिकपुर गांवों की संपर्क सडक़ों पर गिरे पेड़ों का मौका देखा और निगम के कटान अधिकारी भुपिंद्र ढांढा को तत्काल प्रभाव से कटान शुरू करने व सडक़ों के किनारे पड़े पेड़ों को स्टाक करने का निर्देश दिया ताकि वन संपत्ति को संभाला जा सके और साथ के खेतों के मालिक किसानों व आवागमन में लोगों को दिक्कत ना हो।
इस मौके पर उनके साथ हिसार के मु य वन संरक्षक घनश्याम शुक्ला, जींद के वन मण्डल अधिकारी रोहताश बिरथल व सफीदों के वन रेंज अधिकारी रमेश यादव भी थे। डा. जगदीप ने कटान के वन राजिक अधिकारी को निर्देश दिया कि वह कटान के काम में पर्याप्त मजदूर लगाकर न्यूनतम समय में कटान का काम पूरा करना सुनिश्चित करें और इसे डिपो में डंप कराएं। सफीदों के वन रेंज अधिकारी रमेश यादव के अनुसार 15 हजार से ज्यादा पेड़ तुफान में गिरे हैं और इनमे सबसे ज्यादा तादाद सफेदा के पेड़ की हैं। उन्होंने बताया कि बहादुरगढ़-मलार संपर्क मार्ग पर पेड़ों का कटान शुरू कर दिया गया है।
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