सत्यखबर सफीदों: हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केंद्र द्वारा उपमंडल के ढाढरथ गांव के स्कूल में वेबीनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विभााग के मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य परियोजना नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के सवालों की जवाब दिए। अनिल मलिक ने कहा कि किसी भी व्यक्ति विशेष की घरेलू परिस्थितियां, सामाजिक वातावरण, शैक्षणिक गतिविधियां, सामाजिक जीवन, भविष्य की कार्ययोजना, बदलती उम्र के प्रभाव के असर, अध्ययन में आ रही समस्याओं व एकाग्रता के अभाव विषय पर समय-समय पर जिज्ञासा, उत्सुकतावश बहुत से सवाल मन में पैदा होते हैं। समस्या निदान में हमेशा ही मनोवैज्ञानिक तकनीक कारगर सिद्ध होती है। लॉकडाउन अवधि के दौर में कक्षीय शिक्षा नहीं चल पा रही है और ऑनलाइन माध्यम से ही पाठ्यक्रम व अन्य शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसी घड़ी में सिर्फ घरेलू स्तर पर ही सलाह मशवरा किया जा सकता है। जबकि अक्सर बच्चे मन की जिज्ञासा को शांत करने के लिए अन्य तरह से समाधान ढूंढते हैं। जरूरी यह है कि बच्चों, उनके अभिभावकों की समस्याओं के निदान हेतु उन्हें सही मार्गदर्शन दिया जाए उसके लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श एक सहायक बिंदु साबित हो सकता है। अनिल मलिक ने कहा कि जीवन कौशल ग्रहण की गई योग्यताएं होती हैं जो मनुष्य को दैनिक जीवन की मांगों के साथ-साथ चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सक्षम बनाती है। स्लोलर्नर बच्चों के बेहतर सुधार के लिए संवेगात्मक बंधन मजबूत होने चाहिए, धीरे-धीरे सीखने वाली समस्याओं के प्रति उन्हें मोटिवेट करना चाहिए, छोटी-छोटी कामयाबी और उपलब्धियों पर प्रोत्साहित करना चाहिए, उन्हें निश्चित तौर पर अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए उनके अभिभावकों को समझाएं पढ़ाई के समय में थोड़ा सा इजाफा करने की जरूरत है। इस मौके पर प्रबंधक अजीत आर्य व कार्यक्रम अधिकारी मलकीयत सिहं विशेष रूप से उपस्थित थे।
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