सावित्रीबाई फुले के संघर्ष की कहानी हो पाठ्यक्रम में शामिल: राजबीर सैनी
सफीदों, महाबीर मित्तल
माता सावित्रीबाई फूले के जन्मदिवस पर नगर की महाराजा शूरसैनी धर्मशाला में एक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मशाला के प्रधान राजबीर सैनी ने की। उपस्थित समाज के मौजिज लोगों ने सावित्रीबाई फुले प्रतीमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। अपने संबोधन में प्रधान राजबीर सैनी ने कहा कि माता सावित्रीबाई देश की प्रथम शिक्षित महिला थी। महिलाओं को शिक्षित करने के लिए उन्होंने सबसे पहले महिला विद्यालय खोला था। इसलिए महिलाओं की शिक्षा का श्रेय माता सावित्रीबाई फुले को ही जाता है। उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले ने अनेक विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए महिलाओं की शिक्षा की लड़ाई लड़ी और उनको शिक्षित किया। वे एक समाज की नहीं बल्कि संपूर्ण समाज की प्रेरणा स्त्रोत है और उन्होंने सर्वसमाज की महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया। राजबीर सैनी ने सरकार के सम्म्मुख मांग रखी कि माता सावित्रीबाई फुले के संघर्ष की कहानी और उनके बलिदान को हिंदी व अंग्रेजी दोनों प्रकार के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए ताकि आने वाली पीढिय़ां उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा ले सके। कार्यक्रम के उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयनारायण नंबरदार, सूरजभान सैनी, मा. हवा सिंह, एडवोकेट विजय सैनी, एडवोकेट नरेंद्र सैनी, सुनील बाबू, सतीश सैनी, रोशन सैनी, सतपाल, बहादुर सिंह, रामकुमार व सुशील सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
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