सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
कोरोना को हराने के लिए हमें घर से बाहर नहीं निकलना है, तो खाली बैठ कर क्या करें! यह प्रश्न आज हर किसी की जुबान पर है। इस पर जिला जींद के प्रतिष्ठित साहित्यकार डा. जगदीप शर्मा राही ने कहा है कि इस समय हमें मन, बुद्धि और चेतना के विकास के लिए अच्छा, ज्ञानवर्धक और सकारात्मक सोच पैदा करने वाला साहित्य पढऩा चाहिए। डा. राही ने बताया कि बच्चों के लिए पं. विष्णु शर्मा लिखित पंचतंत्र की कहानियां अच्छी उपयोगी साबित हो सकती हैं। युवाओं को देशभक्त शहीदों की जीवनियां, महापुरूषों के जीवन चरित और अब्दुल कलाम, स्वामी विवेकानंद, रतन टाटा जैसे प्रेरक व्यक्तित्वों की प्रेरणादायी आत्मकथाएं पढऩी चाहिएं। महिलाओं को महादेवी वर्मा, महाश्वेता, बेबी हालदार, आशापूर्णा देवी जैसी महिलाओं के संघर्ष की दास्तान पढऩी चाहिएं। साहित्य प्रेमियों के लिए मुंशी प्रेमचंद के मानसरोवर की कहानियों के आठों भाग, गोदान व निर्मला जैसे उपन्यास, फणीश्वरनाथ रेणु के परती परी कथा तथा मैला आंचल, शरतचन्द्र का देवदास, महादेवी वर्मा की यामा, नीरजा तथा पथ के सारथी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की राम की शक्तिपूजा, कुकुरमुत्ता, कुल्ली भाट तथा बिल्लेसुर बकरिया पढऩे का अब अच्छा मौका है।
बता दें कि डा. राही की कुल सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें दो पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा अनुदान प्राप्त कर चुकी हैं। इससे पहले भी वे श्रीमदभगवदगीता का गीताकुंज के नाम से हरियाणवी में अनुवाद कर चुके हैं। वर्तमान में डॉ. राही राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय, बेलरखा के कार्यकारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं
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