हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भू-जल संरक्षण के लिए क्रियान्वित ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के बाद पानी की एक-एक बूंद के उपयोग के लिए सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण गठित करने को मंजूरी दी है। इसके तहत राज्य भू-जल व जिला भू-जल योजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां इन योजनाओं के लिए बुलाई गई सिंचाई एवं जल संसाधन, विकास एवं पंचायत व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण, भू-जल नियंत्रण के लिए राज्य भू-जल व जिला भू-जल योजनाओं की समीक्षा भी की। सीएम ने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों के पानी को तीन पौंड व पांच पौंड प्रणाली से उपचारित कर सिंचाई व अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाने की योजना बनाएं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि प्रदेश में कुल 16,350 तालाब हैं, जिनमें 15,910 तालाब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 440 तालाब शहरी क्षेत्रों में हैं। सभी तालाबों की जीआईएस मैपिंग कर पौंड एटलस तैयार की गई है। इसके पहले चरण में 18 तालाबों को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के 2606 तालाब प्रदूषित व ओवरफ्लो हैं। 7963 प्रदूषित हैं लेकिन ओवरफ्लो नहीं हैं। 4413 साफ पानी के तालाब हैं। प्रदूषित तालाबों के पानी को उपचारित करने के लिए कन्सट्रक्टिड वेटलैंड टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें कचरे को रोकने के लिए तीन व चार स्थानों पर मोटे-मोटे पत्थर डालकर उसके बाद जंगली घास लगाई जाती है, बाद में पानी उपचारित होता है। सीएम ने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की आगामी बैठक 25 जुलाई, 2020 को बुलाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि तालाबों के इस प्रोजेक्ट की ड्राइंग तैयार करने का कार्य विश्वविद्यालय व बहुतकनीकी संस्थानों के सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों से कराएं।
नहरी तंत्र की मैपिंग कर दो महीने में करें क्षेत्रीय सर्वे: सीएम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग व नहरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (काडा) को संयुक्त रूप से नहरी तंत्र की मैपिंग कर क्षेत्रीय सर्वे का कार्य दो महीनों के अंदर करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण व भू-जल नियंत्रण का तंत्र विकसित करने के लिए संबंधित विभागों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल भी उपस्थित रहे। सीएम ने कहा कि नहरों के हर मोगे व काडा के जल मार्गों की मरम्मत और विस्तारित कार्य की मैपिंग की जानी चाहिए। जिला कृषि विकास अधिकारी व कृषि विकास अधिकारी सटीक रिपोर्ट दे सकते हैं कि किस खेत में कौन सी फसल उगाई गई है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने सीएम को अवगत करवाया कि सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण मुख्य रूप से शासी निकाय व कार्यकारी समिति के माध्यम से कार्य करेगा। शासी निकाय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल अध्यक्ष होंगे और इसमें 10 पदेन सदस्य शामिल किए जाएंगे। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा कार्यकारी समिति में अध्यक्ष होंगी, जिसके सात पदेन सदस्य होंगे।
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